आजमगढ : तरवां थाना क्षेत्र में सोमवार को हुए हत्याकांड के बाद मृतक के परिजनों ने पुलिस के सामने शर्त रख दी कि जब तक कथित विवादित दीवार नहीं बनेगी तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। चर्चा है की ऐसे में पुलिस फोर्स की तैनाती कर रातभर में दीवार खड़ी की गई। दीवार बनने के बाद मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। उधर घटना के बाद एहतियातन गांव में एक सेक्शन पीएसी तैनात कर दी गई है। पुलिस फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही।तरवां थाना क्षेत्र के अवनी गांव निवासी अत्रेय सिंह का पट्टीदार राजेश सिंह से जमीन के विवाद का मुकदमा दीवानी न्यायालय में चल रहा था। लंबी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अत्रेय के पक्ष में फैसला सुना दिया। कोर्ट के फैसले के पास अत्रेय रविवार को उक्त जमीन पर दीवार खड़ी कर रहा था। जिसका विरोध करते हुए विपक्षी रविवार की देर रात ना केवल अत्रेय की दीवार ढहा दिया बल्कि गोली मारकर अत्रेय की हत्या कर दी। वहीं गोली से अत्रेय की पत्नी अनिता और बेटी शिखा घायल हो गई। सोमवार को अत्रेय की लाश पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंची। इस दौरान बनारस में भर्ती उसकी पत्नी और बेटी भी घर आई। परिजनों ने शर्त रखी कि जिस दीवार के लिए अत्रेय की जान चली गई। वह दीवार खड़ी बनने के बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। पुलिस दीवार जुड़वाने को तैयार हो गई। रात को ही राजगीर और मजदूरों को बुलवाकर दीवार जुड़वाई गई। जनरेटर आदि के उजाले में पुलिस ने दीवार को जुड़वाया। मंगलवार की सुबह अत्रेय का अंतिम संस्कार के बाद उसकी बेटी और पत्नी फिर बनारस जाकर अस्पताल में भर्ती हो गई। इस घटना की क्षेत्र में जोरों की चर्चा है। लालगंज सीओ सच्चिदानंद का कहना है कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर पुलिस की मौजूदगी में अत्रेय की दीवार जुड़वाई गई। दीवार बन जाने के बाद उसके शव का अंतिम संस्कार किया गया। गांव का माहौल शांत है। ऐहतियातन गांव में एक सेक्शन पीएसी के जवानों को तैनात किया गया है। आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही।
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