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स्वर्णप्राशन से बच्चों की शारीरिक,मानसिक क्षमता का विकास होता है - क्षेत्रीय आयुर्वेदिक/यूनानी अधिकारी

आजमगढ़ : सिधारी स्थित चाइल्ड केयर क्लिनिक पर बुधवार को स्वर्णप्राशन कार्यक्रम का शुभारंभ क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ राजेंद्र प्रसाद मिश्रा ने एक बच्चे को स्वर्णप्राशन की खुराक पिलाकर किया। उन्होंने बताया कि वैदिक काल से ही स्वर्णप्राशन हमारे समाज में प्रचलित रहा है। कालांतर में पश्चिमी सभ्यता से प्रभावित होकर इसका प्रयोग कम हो गया। हमारे पुराने मनीषियों ने स्वर्णप्राशन की महत्ता के बारे में हजारों वर्ष पहले ही बता दिया था। स्वर्णप्राशन के प्रयोग से बच्चों की शारीरिक और मानसिक क्षमता का विकास होता है और वे भविष्य में होने वाली गंभीर बीमारियों से बचे रहते हैं। इसकी आज़मगढ़ में शुरुआत करके डॉ डी डी सिंह ने निश्चित ही नेक कार्य किया है, जिसके लिए मैं इन्हें शुभकामनाएं देता हूँ।
शिशु व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ डी डी सिंह ने कहा कि आज के दौर में जब शारीरिक क्रियाकलाप काफी कम हो गया है और लोग मोबाइल, लैपटॉप जैसे गैज़ेट का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं तो सभी शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर हो रहे हैं। इससे बचाव के लिए स्वर्णप्राशन अमृत समान लाभकारी है। यदि कोई बच्चा स्वर्णप्राशन का नियमित 6 माह तक सेवन कर ले, तो वह श्रुतधर हो जाता है अर्थात जो भी सुनेगा, उसे याद हो जाएगा। और शारीरिक रूप से मजबूत हो जाता है। इस अवसर पर डॉ वी के सिंह, डॉ वी एस सिंह, डॉ प्रवीण चतुर्वेदी, डॉ राधाकांत पांडेय, शिव गोविंद सिंह, सुधीर सिंह पीयूष सिंह, स्मृता सिंह, आयुष, ताराशंकर, भव्या, अक्षत, तुषार, तन्मय, सुमंत, ऋषिता, वैभव, हिमांशु, समृद्ध, आदित्य, पीहू आदि लोग उपस्थित रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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