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महिला सशक्तिकरण की चुनौतियां विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन

सगड़ी/आजमगढ़। श्री रामानंद सरस्वती पुस्तकालय जोकहरा लाटघाट के सभागार में संस्था का रजत जयंती वर्ष समारोह मनाया जा रहा है । इस दौरान संस्था की डायरेक्टर हिना देसाई के 10 वर्ष का कार्यकाल पूरे होने पर उनका सम्मान किया गया।श्री रामानंद सरस्वती पुस्तकालय जोकहरा के सभागार में महिला सशक्तिकरण की चुनौतियां विषय पर संगोष्ठी आयोजन के पहले सत्र में संघर्षशील महिलाओं के साथ गोष्ठी की गई। जिसमें मुख्य अतिथि वंदना मिश्रा वरिष्ठ पत्रकार लखनऊ,गजाल जैगम लखनऊ,शिवानी सिंह लखनऊ ,सुधा तिवारी आजमगढ़, आदि ने महिलाओं को संबोधित किया।गौरतलब है की पुस्तकालय आजीविका उपार्जन का अभियान भी चला रहा है यहाँ पर सिलाई कढ़ाई सेंटर का उद्घाटन वंदना मिश्रा व विभूति नारायण राय पूर्व कुलपति ने किया। उनकी अध्यक्षता में संगोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसमें प्रतिमा,आशा,लक्ष्मीना,सुनीता,लीला शर्मा ,सुभावती,साधना,करीना,पूजा आदि संघर्षशील महिलाएं ने भाग लिया । कार्यक्रम का संचालन कर रही पुस्तकालय की डायरेक्टर हिना देसाई ने कहा कि सामाजिक परिवेश सबसे बड़ी चुनौती है। संघर्षशील महिलाओं के लिए आर्थिक,राजनीतिक,शिक्षा, स्वास्थ्य और कम उम्र में शादी होना बड़ी चुनौती है। 19 साल की महिला (शादी के बाद) बच्चे वाली हो जाती है। महिलाएं उपभोग की वस्तु बन कर रह गई है। मुख्य अतिथि वंदना मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाएं जब अपने फैसले अपने आप लेने की ताकत रखें यही महिला सशक्तिकरण है । जब तक राजनीतिक व सामाजिक फैसले लेने में महिला संघर्षशील रहती तो उसमें हस्तक्षेप होता रहता है तब तक उसका सशक्तिकरण नहीं माना जाता है । जब तक आर्थिक और राजनीतिक फैसले लेने की ताकत मिलेगी तभी उसका असली सशक्तिकरण होगा।कार्यक्रम में पुस्तकालय की डायरेक्टर हिना देसाई के 10 वर्ष पूरे होने पर उनके संघर्ष पर महिलाओं ने गुलदस्ता देकर उन्हें सम्मानित किया। 

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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