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भोर तक होता रहा शहर में स्थापित प्रतिमाओं का विसर्जन

आजमगढ़ : विजयादशमी पर शुक्रवार की देर रात तक मेले में दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की भीड़ रही वहीं शनिवार की भोर तक शहर क्षेत्र में स्थापित प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हुआ तो देर रात तक चलता रहा। प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए शहर के चार स्थानों पर वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। इसमें तमसा तट नरौली, सिधारी, मोहटटीघाट, दलालघाट शामिल हैं। प्रशासन की तरफ से तमसा नदी के किनारे गड्ढे खोदे गए हैं। इसी पानी में प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा है। दूसरी तरफ चर्चा यह रही कि प्रशासन द्वारा खोदे गए गड्ढे में पानी नहीं रहा। इसकी वजह से तमाम दुर्गा पूजा समितियों के लोगों ने पुल से ही प्रतिमा को प्रवाहित कर दिया। शहरी क्षेत्र में कुल 83 स्थानों पर पूजा समितियों द्वारा पूजा पंडालों में दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना की गई है। मेला समाप्त होने के बाद शनिवार की भोर में छह स्थानों से दुर्गा प्रतिमाओं को पूजा-पाठ के बाद फूल-माला से सजे वाहनों पर स्थापित किया गया। इसके बाद गाजे-बाजे के साथ प्रतिमाएं सिधारी नया पुल के पास ले जाई गईं जहां एक बार पुन: पूजन कर अंतिम विदाई दी गई। सिधारी के पुल के नीचे गड्ढा खोदकर पानी भरवाया गया था उसी में प्रतिमाएं विसर्जित की गई। इसी प्रकार नरौली, मोहट्टीघाट, दलालघाट पर भी प्रशासन द्वारा खोदे गए गड्ढे में देर रात तक लगभग चार दर्जन दुर्गा प्रतिमाएं विसर्जित कर दी गई। 

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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