दी होमियोपैथिक मेडिकल एसोशिएसन आफ इंडिया ने होमियोपैथी पर सीएमई का आयोजन किया
आजमगढ़: दी होमियोपैथिक मेडिकल एसोशिएसन आफ इंडिया के तत्वाधान में रविवार की रात माड़वारी धर्मशाला में होमियोपैथी पर सीएमई का आयोजन किया गया। इसमें होमियोपैथी के विभिन्न वैज्ञानिक पहलुओं पर चर्चा की गयी। इस दौरान चिकित्सकों को डाइग्नोसिस के तरीकों और रिसर्च के बारे में जानकारी दी गयी।कार्यक्रम का शुभांरभ हमाई के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व केंद्रीय होमियोपैथी परिषद के सदस्य डा. भक्तवत्सल ने डा. हैनीमन के चित्र पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस दौरान उन्होंने होमियोपैथिक के विभिन्न वैज्ञानिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज पूरे विश्व में होमियोपैथिक से करोड़ों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। आज के परिवेश में काफी लोगों का रूझान होमियोपैथी के प्रति बढ़ा है। उन्होंने कहा कि अपनी गुणवत्ता के कारण आज होमियोपैथी भारत की दूसरे नंबर की सबसे ज्यादा लोकप्रिय चिकित्सा पद्धति है। इसके बारे में कुछ लोग भ्रांतियां फैला रहे हैं। यह अंग्रेजी दवा कंपनियों की एक संगठित चाल है। इससे हमें परेशान होने की जरूरत नहीं है। कारण कि होमियोपैथी अपने गुणवत्ता पर आधारित पद्धति है। डा. हैनिमन ने पीड़ित मानवता के लिए होमियोपैथी के रूप में एक अमृत कलश प्रदान किया है जिसकी दो बूंद औषधि से हमें असाध्य से असाध्य रोगों का उपचार कर सकते है। आज स्वस्थ्य भारत की परिकल्पना बिना होमियोपैथी करना संभव ही नहीं है। एलोपैथ सहित जहां मेडिकल की सारी विधाएं फेल हो जाती है वहां भी होमियोपैथ मरीज को पूर्णरूप से रोगों के मुक्ति दिलाता है। होमियोपैथी अपनी गुणवत्ता पर समाज में लोकप्रिय होती जा रही है। श्री दुर्गा जी होमियोपैथिक मेडिकल कालेज के प्रवक्ता राजेंद्र सिंह राजपूत संक्रमण से फैलने वाले रोग एवं उनसे बचाव के लिए होमियोपैथिक उपचार पर बड़ा सारगर्भित व्याख्यान दिया। जिला अस्पताल के डीटीओ डा. परवेज अंसारी ने टीबी से कैसे बचा जाय और उसके उपचार एंव अन्य पहलुओं पर चर्चा की। संचालन डा. प्रमोद गुप्ता ने किया। इस मौके पर डा. राजेश तिवारी, डा. देवेश दुबे, डा. एके राय, डा. एके राय, डा. नेहा दुबे, डा. बी पांडेय, डा. नवीन पांडेय, डा. नवीन दुबे, डा. नीरज सिंह, डा. प्रभात यादव, डा. सीजे मौर्य, डा. एसके राय, डा. मनोज मिश्र, डा. राजकुमार राय, डा. रणधीर सिंह, डा. राजीव आनंद, डा. अभिषेक राय, डा. चंडीजीव बनर्जी, डा. चमनलाल, डा. गिरीश सिंह, डा. सुनील मौर्य आदि उपस्थित थे।
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