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5 वर्ष से अधिक के वादों के कम निस्तारण से नाराज मंडलायुक्त ने 3 दर्जन अधिकारियों को भेजा नोटिस

आज़मगढ़ 23 अक्टूबर -- मण्डलायुक्त जगत राज ने मण्डल के तीनों जनपदों के राजस्व न्यायालयों में 5 वर्ष तथा उससे अधिक अवधि के राजस्व वादों के बड़ी संख्या में लम्बित पाये जाने तथा उसके निस्तारण की प्रगति खराब पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए लगभग तीन दर्जन अधिकारियों कारण बताओ नाटिस जारी करते हुए सम्बन्घित अधिकारियों से एक सप्ताह के अन्दर कारण स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।  प्राप्त विवरण के अनुसार आरसीसीएमएस (राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृृत प्रबन्धन प्रणाली) पर 5 वर्ष तथा उससे अधिक अवधि के लम्बित वादों के सापेक्ष माह सितम्बर में किय गये निस्तारण की स्थिति की समीक्षा दौरान मण्डलायुक्त ने पाया कि जनपद आज़मगढ़ में नायब तहसीलदार सदर के न्यायालय में 5 वर्ष तथा उससे अधिक अवधि के लम्बित 15 वादों में कोई निस्तारण नहीं, नायब तहीसलदार फूलपुर के न्यायालय में 166 के सापेक्ष कोई निस्तारण नहीं, सगड़ी में 122 में मात्र 2 का निस्तारण, लालगंज में 143 में मात्र 1 का निस्तारण पाया गया। इसी प्रकार तहसीलदारों के न्यायालयों में निस्तारण की स्थिति की समीक्षा में पाया गया कि तहसीलदार सगड़ी द्वारा 428 के सापेक्ष 1, तहसीलदार मेंहनगर द्वारा 246 में 4, तहसीलदार फूलपुर द्वारा 211 के सापेक्ष कोई निस्तारण नहीं, तहसीलदार बूढ़नपुर द्वारा 116 के सापेक्ष कोई निस्तारण नहीं, तहसीलदार सदर द्वारा 54 में 1 का निस्तारण किया गया है। उपजिलाधिकारियों के न्यायालयों में 5 वर्ष तथा उससे अधिक अवधि के लम्बित राजस्व वादों के निस्तारण की प्रगति समीक्षा के दौरान पाया गया कि एसडीएम सगड़ी के न्यायालय में 173 के सापेक्ष 6 का, एसडीएम लालगंज के न्यायालय में 26 के सापेक्ष कोई निस्तारण नहीं, एसडीएम निजामाबाद द्वारा 161 के सापेक्ष 3, एसडीएम मेंहनगर द्वारा 79 के सापेक्ष कोई निस्तारण नहीं, एसडीएम मार्टिनगंज द्वारा 7 में से 1 निस्तारण किया गया है। जबकि अतिरिक्त मजिस्ट्रेट-प्रथम के न्यायालय में 43 कोई निस्तारण नहीं, अतिरिक्त अधिकारी-द्वितीय के न्यायालय में 50 के सापेक्ष 7 का निस्तारण पाया गया। इसी प्रकार अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) के न्यायालय में इस अवधि के लम्बित 416 वादों के सापेक्ष 8 का निस्तारण, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) के न्यायालय में लम्बित 142 के सापेक्ष 3 का निस्तारण पाया गया।
मण्डलायुक्त जगत राज ने जनपद बलिया में 5 वर्ष तथा उससे अधिक अवधि के लम्बित राजस्व वादों के निस्तारण की समीक्षा में पाया कि नायब तहसीलदार सदर द्वारा 711 के सापेक्ष कोई निस्तारण नहीं, नायब तहसीलदार सिकन्दरपुर एवं मनियर के न्यायालयों में 45 के सापेक्ष 7 निस्तारण हुआ है, जबकि तहसीलदार सिकन्दरपुर के न्यायालय में लम्बित 137, तहसीलदार बाॅंसडीह के न्यायालय में 379 के सापेक्ष कोई वाद निस्तारित नहीं किया गया है। जनपद बलिया में उपजिलाधिकारियों के न्यायालयों में लम्बित ऐसे वादों के सापेक्ष निस्तारण की स्थिति में काफी खराब पाई गयी। उपजिलाधिकारी बेल्थरारोड द्वारा 534 में से 3, एसडीएम बाॅंसडीह द्वारा 31 में 3 निस्तारण एवं एसडीएम रसड़ा द्वारा 984 के सापेक्ष कोई निस्तारण नहीं किया गया है। जनपद बलिया में ही अपर जिलाधिकारी-द्वितीय/सीआरओ के न्यायालय में लम्बित 600 वादों में कोई निस्तारण नहीं पाया गया।
मण्डलायुक्त जगत राज ने इसी क्रम में जनपद मऊ के राजस्व न्यायालयों में भी 5 वर्ष तथा उससे अधिक अवधि के लम्बित राजस्व वादों के सापेक्ष निस्तारण की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने पाया कि मऊ में माह सितम्बर में नायब तहसीलदार मुहम्मदाबाद गोहना द्वारा लम्बित 4 में से 1 निस्तारण, तहसीलदार मुहम्मदाबाद गोहना द्वारा 44 में कोई निस्तारण नहीं, तहसीलदार मधुबन द्वारा 307 में से 6 निस्तारण, तहसीलदार (न्यायिक) घोसी द्वारा 397 में से 15 निस्तारण, तहसीलदार (न्यायिक) सदर द्वारा 92 में से 2 निस्तारण एवं तहसीलदार सदर द्वारा 30 में 1 निस्तारण किया गया है। इसी प्रकार उपजिलाधिकारी मधुबन के न्यायालय में 71 लम्बित वादों के सापेक्ष 1 का एवं उपजिलाधिकारी घोसी के न्यायालय में 70 के सापेक्ष 10 राजस्व वादों का निस्तारण होना पाया गया।
मण्डलायुक्त जगत राज ने तीनों जनपदों में इतनी बड़ी संख्या में 5 वर्ष तथा उससे अधिक अवधि के राजस्व वाद लम्बित पाये जाने तथा उसके सापेक्ष निस्तारण की प्रगति अत्यन्त खराब पाये जाने पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए जहाॅं सम्बन्धित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस निर्गत किया है वहीं अधिकारियों को सचेत भी किया है कि शासन एवं राजस्व परिषद के निर्देशानुसार सभी पीठासीन अधिकारी मासिक मानक के सापेक्ष 5 वर्ष तथा उससे अधिक अवधि के कम से कम 30 प्रतिशत वाद निस्तारित किया जाना सुनिश्चित करें अन्यथा इसे उच्च स्तर से प्राप्त आदेशों की अवहेलना मानते हुए सम्बन्धित के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। मण्डलायुक्त ने इसी क्रम में आज़मगढ़, बलिया एवं मऊ के जिलाधिकारियों को भी ऐसे वादों के निस्तारण की नियमित मानीटरिंग किये जाने का निर्देश दिया है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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