आपराधिक मामलों में अदालती सुनवाई पर समय से सबूत और गवाहों को प्रस्तुत करना लक्ष्य -एन. पी. सिंह,एसपी ग्रामीण आजमगढ़। अदालतों में चल रहे बड़े मुकदमों की पैरवी, तय समय पर गवाहों की गवाही उनकी सुरक्षा सहित अन्य के लिए विशेषतौर पर एसपी रविशंकर छवि ने अलग से पैरवी सेल का गठन किया है। डीजीपी के निर्देश पर गठित इस सेल में पदाधिकारियों की तैनाती कर दी गई। इन्हें अभी टापटेन के बदमाशों और तीन पास्को एक्ट के मुकदमों की पैरवी कर आरोपियों को सजा दिलवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जरायम की दुनिया में कई ऐसे नाम भी हैं जिनकेे खिलाफ कोई गवाही नहीं देना चाहता। जबकि कईयों ने गवाही होने से पहले ही गवाहों की हत्या करवा दी। सबूत के अभाव में कई अपराधी अदालत द्वारा बरी कर दिए गए। शायद यही कारण है कि अपराधियों का मनोबल बढ़ा रहता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए डीजीपी ने सभी जिलों पर अलग से पैरवी सेल का गठन करवाया है। इस सेल में तैनात लोगों का प्रमुख कार्य बड़े अपराधियों और चर्चित मुकदमों की पैरवी करना है। इसक्रम में एसपी रविशंकर छवि की तरफ से भी पैरवी सेल का गठन किया गया है। जिसके प्रभारी निरीक्षक सुनील तिवारी को बनाया गया है। इस सेल में दरोगा और सिपाही को लेकर कुल छह का स्टाफ तैनात किया गया है। इस सेल में तैनात पुलिसकर्मियों को टापटेन के अपराधी जिसमें ध्रुव कुमार सिंह कुंटू, जामवंत यादव, सचिन पांडेय, बाले यादव, अमरजीत यादव आदि के विरुद्ध अदालत में चले रहे आपराधिक मामलों की सुनवाई के दौरान गवाहों की समय पर गवाही कराना। अदालत में चल रही प्रक्रियाओं की उन्हें समय से जानकारी देना है। इसके अलावा वर्ष 2016 में गठित पास्को एक्ट के कुल मुकदमों की सुनवाई अभी भी अदालत में चल रही है। इन तीनों मुकदमों की पैरवी करते हुए आरोपियों को सजा दिलवाने का लक्ष्य रखा गया है। एसपी ग्रामीण नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया की जिले के टापटेन के अपराधियों सहित तीन पास्को एक्ट की अदालत में चल रही सुनवाई के दौरान गवाहों की गवाही सहित अन्य कार्य के लिए पैरवी सेल को लगाया गया है। इनका प्रमुख कार्य साक्ष्य, सबूत और गवाहों को अदालत में पेशकर अपराधियों को सजा दिलवाना होगा।
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