फोटो : लोक गीत गायक देव कौशिक :: खुरासों रोड स्टेशन पर मंजू व परिवार
परिजन से नाराज हो ट्रैन में बैठ दिल्ली पंहुच गयी थी,10 साल बाद पति व बच्चों संग गांव आयी मुंहबोले देवर हरियाणवी लोकगीत गायक देव कौशिक ने परिजन से मिलाने में अहम भूमिका निभाई फूलपुर:आजमगढ़ : माता-पिता से दस साल पूर्व बिछड़ी बेटी मंगलवार को पति व बच्चों संग रोहतक से अपने पैतृक गांव शमसाबाद आई। दस साल बाद बेटी को देख परिजनों के आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे। महिला के मुंहबोले देवर हरियाणवी लोकगीत गायक देव कौशिक ने उसे बिछड़े परिजन से मिलाने में अहम भूमिका निभाई। अहरौला थाना क्षेत्र के शमसाबाद गांव निवासी मंजू पुत्री राजमन वर्ष 2008 में गांव के सिवान में मवेशी चरा रही थी। मवेशी दूसरे के खेत में चले गए। इस बात से नाराज होकर मां व भाई ने उसकी पिटाई कर दी। पिटाई से क्षुब्ध होकर वह दिल्ली में रह रही अपनी बुआ के यहां जाने के लिए ट्रेन पर सवार होकर दिल्ली पहुंच गई। दिल्ली में लावारिस हालत में भटक रही उक्त बच्ची पर दिल्ली पुलिस के महिला कांस्टेबल की नजर पड़ी। उम्र काफी कम होने से उसे न तो अपने बुआ का पता याद था और न ही घर पता मालूम था। महिला कांस्टेबल ने उसे हरियाणा प्रांत के रोहतक स्थित अनाथ आश्रम 'अपना घर ' में पहुंचा दिया। अनाथालय में रह रही मंजू की कुछ वर्ष बाद शादी लाढ़ोत निवासी जोगेंद्र से हो गई। शादी के बाद उसे दो बच्चे भी हुए। इस बीच रक्षाबंधन के पर्व पर उसके पति के भाई का दोस्त हरियाणवी गीत गायक देव कौशिक उसके घर आया। देव कौशिक ने जब मंजू से रक्षाबंधन के पर्व पर उसके मायके और भाई के बारे में जानकारी चाही तो वह रोने लगी। पूछने पर उसने अपना पता सिर्फ आजमगढ़ शमसाबाद गांव ही बता पाई। फिर देव कौशिक ने जब इंटरनेट पर सर्च किया तो उसे जानकारी मिली की शमसाबाद गांव आजमगढ़ के अहरौला थाना क्षेत्र में हैं। उसने अहरौला थानाध्यक्ष का फोन नंबर खोज जब संपर्क किया तो वहां से उसे शमसाबाद गांव के प्रधान का फोन नंबर मिला। प्रधान बात करने के बाद मंजू की बात उसके मां किस्मती देवी व पिता राजमन से वीडियो कालिंग कर कराई गई । बात करने पर जब परिजनों को पूरा विश्वास हो गया तो माता-पिता बेटी से मिलने के लिए हरियाणा पहुंचे। जहाँ एक दुसरे को देख भावुक हो उठे। मंजू भी माँ बाप से लिप्त कर खूब रोइ। बेटी के साथ दामाद और नाती नातिन को देख राजमन फूले न समाये। मंगलवार को कैफियात एक्स. ट्रेन से मंजू अपने पति, बच्चों व मां पिता के साथ मंगलवार को खुरासों रोड रेलवे स्टेशन आई। रेलवे स्टेशन पर ग्राम प्रधान समेत दर्जनों ग्रामीण रहें। यहां से वह सीधे अपने घर पहुंची। घर पहुंचते ही मंजू को देख परिजनों के आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे।
Blogger Comment
Facebook Comment