आजमगढ़ : तीन साल पूर्व अर्द्धविक्षिप्त युवती संग हुए दुराचार की घटना के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने मंगलवार को एक आरोपित को आठ साल की कठोर कारावास के साथ ही दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने की उक्त रकम में पांच हजार रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर एक धीरेंद्र कुमार ने सुनाया। उक्त मामला कप्तानगंज थाना क्षेत्र के एक गांव का है। पीड़ित युवती के भाई ने कप्तानगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। अभियोजन कथन के अनुसार 12 मार्च 2015 को वादी मुकदमा की अर्द्धविक्षिप्त बहन दोपहर लगभग एक बजे शौच के लिए गई थी। काफी देर तक नहीं आई तो परिवार के लोग उसे उसे खोजने लगे। तभी चीखने की आवाज गन्ने के खेत से आते देख वहां पहुंचे। परिजनों संग मौजूद ग्रामीणों ने देखा कि गांव का ही रामजीत उर्फ नाटे पुत्र जगत पीड़िता के साथ दुष्कर्म कर रहा था। वादी ने गांव वालों के सहयोग से आरोपित रामजीत को पकड़ लिया। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने पीड़िता समेत आठ गवाहों को कोर्ट में पेश किया। दोनों पक्षों की दलील को सुनने के बाद अदालत ने आरोपित रामजीत को आठ वर्ष के कठोर कारावास व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
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