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घाघरा नदी का जलस्तर स्थिर,कटान जारी, ग्रामीणों का प्रशासनिक मदद कम होने का आरोप

सगड़ी/आजमगढ़। जनपद के सगड़ी क्षेत्र के उत्तरी छोर में बहने वाली घाघरा नदी के जलस्तर में सोमवार की सुबह से ही स्थिर है। घाघरा नदी अपने तटवर्ती गांव देवारा खास राजा के मुराली का पूरा व त्रिलोकी के पुरा मे आबादी के साथ-साथ खेती योग्य जमीन काट रही है तो वहीं त्रिलोकी के पूरा के 22 परिवार जो कि दोबारा अस्थाई रूप से विस्थापित हुआ है। उनके मकान के करीब घाघरा नदी काटती हुई आती दिख रही है। त्रिलोकी के पूरा गांव से 200 मीटर की दूरी पर नदी कटान कर रही है। त्रिलोकी के पूरे कटान पीड़ित परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इनके मंडई में पानी होने से रहने की समस्या उत्पन्न हो गई है। तिलोकी के पूरा के लाल बहादुर का कहना है कि इस समय हमारी मंडयी में पानी घुसा हुआ है और खाने पीने के सामान के लिए हम लोग रोज बाजार नहीं कर पाते हैं इसलिए खाने के लाले पड़े हैं साथ ही दवा आदी की परेशानी होती है। तबीयत खराब होने पर 3 घंटे बाद गांव से हो कर बंधे पर जाकर किसी झोलाछाप डॉक्टर से दवा लेनी पड़ती है। रामचंद्र का कहना है कि इस समय हम लोगों के मकान में पानी होने से विषैले जीव जंतुओं के काटने का खतरा बढ़ गया है तो वहीं खाने पीने नहाने धोने शौच आज की असुविधा हो रही है।सजगु का कहना है कि इस समय हम लोग कमर से ऊपर पानी में होकर एक दूसरे के घर की तरह आवागमन कर रहे हैं। हम लोग इधर बाढ़ के पानी से तो उधर नदी के कटान के बीच में फंसे हुए हैं जिससे काफी परेशानी हो रही है । राजेंद्र का कहना है कि हम लोग इस समय औरतों बच्चों को लेकर बाढ़ की दुश्वारियोंं का सामना कर रहे हैं। स्कूली बच्चों की पढ़ाई बाधित है तो वहीं खाने पीने की भी दिक्कत हो रही है। आरोप तो यह भी है की अभी तक इन कटान पीड़ितों को कोई सरकारी सुविधा मुहैया नहीं हो पाई है हालांकि यह सच है ककी ई बार जिलाधिकारी बाढ़ क्षेत्र का दौरा कर समस्या को जान चुके हैं लेकिन ग्रामीणों के अनुसार समाधान अभी तक नहीं हुआ हैं। देवारावासियो वासियों का कहना है कि हम लोगों को बंधे के दक्षिण तरफ स्थाई रूप से कहीं जमीन मिल जाती तो अपना आवास बना कर रहते , इस हर साल की परेशानी से हम लोगों को जुझना नहीं पड़ता। लेकिन प्रशासन हम लोगों की सुनवाई नहीं कर रहा है। हम लोगों के पास जो बचा है उसमे केवल एक फसल गेहूं की होना है उस समय भी जंगली जानवरों के आतंक से हम लोग अपनी फसल को आधा ही बचा पाते है। अभी भी संपर्क मार्गों के डूबने से लगभग दो दर्जन गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। लगभग 25000 की आबादी के लोग बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं जिनका आवागमन बाधित है। आवागमन मुश्किल से हो पाता है। वहीं खाने पीने की समस्या उत्पन्न हो गई है। सुबह आठ बजे डिघिया गेज पर नदी का जल स्तर 71.49 मीटर पर रहा,शाम चार बजे डिघिया गेज पर नदी का जल स्तर 71.50 मीटर पर है,सुबह आठ बजे बदरहुआ गेज पर नदी का जल स्तर 72.25 मीटर पर है,शाम चार बजे बदरहुआ गेज पर नदी का जल स्तर 72.26 मीटर पर है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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