आजमगढ़। श्रावण मास में भोले शंकर के प्रिय सवारी नंदी यानि की बैल की पूजा तमाम शिवभक्त करते है लेकिन शनिवार को प्रयास सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों के प्रयास से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाफरपुर के पशु चिकित्सक की देखरेख में एक बुरी तरह घायल बैल का उपचार किया गया। बताया जाता है कि कई माह से बैल के सिर पर गंभीर रूप से चोट लगी हुई थी। उपचार के अभाव में उसमें सड़न की स्थिति हो गयी थी। नामसमझ जानवर की पीड़ा का अहसास प्रयास के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने महसूस किया। बैल की असहनीय पीड़ा से व्यथित प्रयास के लोगों ने उसके उपचार की ठानी और पूरे दिन के अथक प्रयास के बाद बैल को काबू में कर पाए और उसकी चिकित्सा आरंभ की। शिव भक्त मंदिरों में उनके प्रिय नंदी के प्रतिकृति के कानो में अपनी मनोकामना बताना नहीं भूलते हैं। ऐसी मान्यता है शिव के समक्ष स्थापित उनके प्रिय नंदी बैल के कान में आप अपनी मनोकामना धीरे से कह देते हैं तो वह अवश्य पूरी होती हैं किंतु साक्षात सड़क पर कराह रहे नंदी को देखकर तमाम ऐसे शिवभक्त निकल जा रहे हैं स्थानीय सूत्रों की माने तो यह बैल पशु तस्करों के हाथ लग गया और उन्होंने उसके सिर और आगे के दोनों पैर बुरी तरीके से मजबूत रस्सी से बांध दिया होगा लेकिन किसी कारणवश अपने साथ नहीं ले जा सके और उनकी योजना असफल होने का परिणाम रहा कि वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया होगा । यह नंदी बैल बेलईसा सब्जी मंडी के आसपास अपने जख्म के पुरसाहाल की बाट जोह रहा था। शनिवार को बेलईसा मंडी चौराहे पर स्थित संयुक्त क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एवं पंचवटी गार्डन के गेट पर चोट की सड़न से परेशान बैल का प्रयास सामाजिक संगठन एवं पशु स्वास्थ्य विभाग जाफरपुर आजमगढ़ के चिकित्सक द्वारा इलाज किया गया। बैल के सिर में काफी कीड़े पड़ गए थे। जिसे बीटाडीन युक्त पानी से धोकर और बीटाडीन स्प्रे लगाकर इलाज किया गया। इसके पश्चात उसको जरूर जरूरी इंजेक्शन भी दिया गया। इलाज के बाद बैल की स्थिति में काफी सुधार देखने को मिला। इस अवसर पर प्रयास के अध्यक्ष रणजीत सिंह रिंकू सिंह इंजीनियर सुनील यादव राजीव कुमार शर्मा, शिव प्रसाद पाठक, शंभू दयाल सोनकर, राम सिंह यादव, राकेश गांधी स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर आदि लोग उपस्थित रहे।
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