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मिसाल !: 36 सालों से अपने मुंहबोले हिन्दू भाई को राखी बांधती आ रही है हलीमा खातून

आजमगढ़ : एक तरफ जहां  धर्म और मजहब की आड़ लेकर समाज में नफरत फैलाने  की देश में होड़ सी मची हुई है तो वहीं दूसरी तरफ शहर की रहने वाली एक मुस्लिम महिला 53 वर्षीय हलीमा खातून रक्षाबंधन के पावन पर्व पर मुंहबोले हिन्दू भाई को पूरे रीति रिवाज से राखी बांधकर हिन्दू -मुस्लिम एकता की मिसाल कायम कर रही हैं। यह पहली बार नहीं बल्कि पिछले 36 वर्षों से रक्षाबंधन पर अपने मुंहबोले भाई को राखी बांधती आ रहीं हैं। इस बार रविवार को भी शहर के कटरा मोहल्ला में ऐसी ही देखने को मिला। जहां एक मुस्लिम महिला ने मुंहबोले भाई को राखी बांधकर सामाजिक एकता की मिसाल कायम की है। कांशीराम आवास में अपने पति के साथ रह रही हलीमा खातून रक्षाबंधन पर्व के उपलक्ष्य में कटरा मोहला निवासी भाजपा के कार्यकर्ता 66 वर्षीय हरी गोविन्द लाल श्रीवास्तव के घर पर पहुंची, जहां उन्होंने अपने मुंहबोले भाई की कलाई पर राखी बांधी और उनके माथे पर तिलक लगाकर दीर्घायु की कामना की। हलीमा का कहना है कि भारतीय संस्कृति में भाईचारे की महत्ता को बेहद ऊंचा मुकाम हासिल है, इसलिए त्योहारों को साम्प्रदायिक सौहार्द की भावना के साथ मनाए जाने से समाज में भाईचारे की भावना को नई मजबूती मिलती है। इस मौके पर हरिगोविंद लाल श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों आपस में पिछले 36 वर्ष से रक्षाबंधन के साथ-साथ होली, दीपावली, ईद का पवित्र त्योहार आपस में भाई चारे के साथ मनाते है। गौरतलब  है की हरिगोविंद जी की पत्नी से हलीमा का सम्बन्ध 1980 के समय एक साथ सिलाई कढ़ाई सीखने के दौरान हुआ था , आपसी लगाव जो बढ़ा तो यह भाई बहन का अटूट रिश्ता भी जुड़ गया। आज भी  हर सुख-दुख में दोनों परिवार एक दूसरे का साथ भी देते है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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