आजमगढ़ :: बैंक द्वारा छोटे सिक्कों को जमा न करने और इस संबंध में दिए आदेश का अनुपालन न कराने को अदालत ने द्रेशद्रोह माना है। आजमगढ़ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह की अदालत ने काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक दुर्वासा के शाखा प्रबंधक और फूलपुर के कोतवाल पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया है। ये फैसला क्षेत्र के एक व्यवसायी की शिकायत पर सुनाया गया। आजमगढ़ जिले के अहरौला क्षेत्र के भीलमपट्टी गांव निवासी नमकीन कारोबारी दिलीप पुत्र प्रगट दुकान पर ग्राहकों द्वारा दिए गए छोटे-बड़े सिक्कों को फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के दुर्वासा धाम स्थित काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक में जमा कराते थे।
22 दिसंबर 2017 को वह दुकान पर जमा काफी मात्रा में छोटे सिक्कों को लेकर खाते में जमा कराने पहुंचे तो शाखा प्रबंधक फूलचंद राम ने सिक्कों को लेने से इंकार करते हुए नोट जमा कराने को कहा।
दिलीप के दो तीन बार आग्रह करने पर शाखा प्रबंधक ने उसे जलील करते हुए न केवल काफी डांटा बल्कि दोबारा सिक्के लेकर आने पर खाता बंद करने की चेतावनी भी दी। 23 दिसंबर 2017 को दिलीप ने इस संबंध में डीएम से शिकायत की। डीएम ने फूलपुर के कोतवाल को बैंक जाने और दिलीप के सिक्कों को जमा कराने का निर्देश दिया।
बावजूद इसके तत्कालीन कोतवाल फूलपुर रामायण सिंह ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई और उसे टरका दिया। अधिकारी, थाना और बैंक का चक्कर लगाकर थक जाने के बाद 24 जुलाई 2018 को दिलीप ने अदालत की शरण ली। मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह की अदालत ने इस प्रकरण को भारतीय मुद्रा से संबंधित देशद्रोह की श्रेणी में पाते हुए फूलपुर कोतवाली के तत्कालीन कोतवाल रामायण सिंह और शाखा प्रबंधक फूलचंद के विरुद्ध फूलपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
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