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बेसिक शिक्षा विभाग में घोर अनियमितता,भाजपा युवा मोर्चा ने मंडलायुक्त को सौंपा मांग पत्र

आजमगढ़ :: भाजयुमो जिलाध्यक्ष सूरज प्रकाश श्रीवास्तव ने बेसिक शिक्षा विभाग में पुस्तको के ख़रीद फरोक्त व कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में की गयी अनियमितता के संदर्भ में मंडलायुक्त को जाँच कराने हेतु ज्ञापन सौंपा।
भारतीय जनता युवा मोर्चा आज़मगढ़ के जिलाध्यक्ष सूरज प्रकाश श्रीवास्तव ने दर्जनों कार्यकर्ताओ के साथ मंडलायुक्त कार्यालय पर पहुँचकर मंडलायुक्त को ज्ञापन सौपकर मांग किया कि कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालयों में सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी शशि कुमार के संरक्षण में बायोमेट्रिक मशीनों व कैमरा का खरीद मार्केट रेट से ज्यादा रेट पर की गई, आज वो सारी बायोमेट्रिक मशीने व कैमरे खराब हो चुके है बालिकाओं की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है तथा सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है। यह जाँच कराने का विषय है।
ज्ञापन में कहा गया है की कुछ दिन पूर्व समाजिक संगठन द्वारा भ्रस्टाचार को उजागर करने के लिए जूनियर हाईस्कूल जाफरपुर में किताबों से भरे पड़े जिन कमरों को उपजिलाधिकारी सदर द्वारा जाँच हेतु सील कराया गया है उसे सभी शिकायतकर्ताओ व मीडिया बंधुओ के सामने ही गिनती व जाँच कराई जाए जिससे कि विभिन्न समाचार पत्रों में आरहे भ्रामक आकड़ो की स्थिति स्पष्ट हो सके।
भाजयुमो जिलाध्यक्ष ने मंडलायुक्त से कहा कि जिलाधिकारी आज़मगढ़ ने बिना कमरों की सील खुलवाए व बिना जांच रिपोर्ट के ही बेसिक शिक्षा अधिकारी को क्लीन चिट दे दिया व जांच भी सीडीओ से कराने की बात कही, यह सरकार के द्वारा जीरो टॉलरेंस की अनदेखी है।
भाजयुमो जिलाध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी शशि कुमार जब से आज़मगढ़ में पदभार ग्रहण किये है तब से शिक्षा विभाग में रोज भांति-भांति के घोटाले समाचार पत्रों के माध्यम से प्रकाश में आते रह-रहे हैं तथा सभी के प्रथम भुगतान अधिकारी भी यही होते है ।
भाजयुमो जिलाध्यक्ष ने मंडलायुक्त से पूछा कि
उच्चाधिकारियों की ऐसी कौन सी मजबूरी है कि तमाम शिकायतो व विरोध प्रदर्शनों के बावजूद इन्हें निलंबित करने की बजाय एनआरएचएम व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लेखाधिकारी का इन्हें अतिरिक्त चार्ज दे दिया गया है?
आज़मगढ़ के कुछ कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पिछले कई वर्षों से आठ से साढ़े आठ लाख रुपये ही प्रति विद्यालय खर्च किये जाते थे लेकिन सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी के कुछ महीने के कार्यकाल में ही यह खर्चा प्रति विद्यालय पंद्रह से सोलह लाख पहुँच गया है।
समाचार पत्रों से मिली जानकारी के हिसाब से बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सील हुए कमरों में किताबों का कुछ और आंकड़ा बताया जबकि कमरा सील कराने वाले जांच अधिकारी उपजिलाधिकारी सदर दूसरा आंकड़ा देते हुए अभिलेखों में साफ हेराफेरी बता रहें है। सबकुछ सिर्फ अनुमान पर ही बताया जा रहा है।
इसमें साफ रूप में कई उच्चाधिकारियों की मिली भगत है और बीएसए महोदय ने कहां की शिक्षक दिसंबर 2017 से अभिलेख लेकर गायब है तो मार्च में करोड़ो रूपये का भुगतान किस आधार पर हुआ? व मई में नई पुस्तको के क्रय का आदेश किस आधार पर किया गया? तथा पिछले वर्ष की पुस्तको की ढुलाई का भुगतान किस आधार पर हुए? क्या स्टॉक रजिस्टर से मिलान कराया गया? या बिना देखे ही उच्चाधिकारियों सहित ,बेसिक शिक्षा अधिकारी,सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी ने हस्ताक्षर कर दिए।
इसमें सभी की मिलीभगत लगती हैं। अपने को फसता देख ऐसा तो नही की सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी ने अभिलेख गायब कर दिया है क्योंकि शिक्षक को तो दिसंबर में ही कार्यालय से रिलीव कर दिया गया था।
भाजयुमो जिलाध्यक्ष ने मांग किया है कि तत्काल प्रभाव से बेसिक शिक्षा अधिकारी व सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी को निलंबित किया जाए जिससे कि वो लोग जांच प्रभावित न कर सकें व उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाकर निष्पक्ष रूप से जाँच करायी जाए ताकि अनियमितता उजागर होसके व विभाग लीपापोती न कर सके। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से अजय यादव एडवोकेट, कुशल सिंह गौतम,अनुभव सिंह,अतुल सिंह, अमन श्रीवास्तव,आयुष अग्रवाल, अंकित राय, धर्मवीर चौहान व दर्जनों अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहें। 

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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