आजमगढ़। आचार्य बालकृष्ण का जन्मदिन जड़ी, बूटी दिवस के रूप में भारत स्वाभिमान (न्यास) इकाई समेत सभी पांचों जिला इकाई द्वारा धूमधाम से मनाया गया। आचार्य बालकृष्ण के जीवन वृत्त एवं उनके भारत देश में योगदान पर भी चर्चा किया गया। वक्ताओं ने कहा कि आचार्य बालकृष्ण जी भारतवासियों के आरोग्य बनाने के क्रम में प्रयासरत है। उनका प्रयास है कि गिलोव, एलोवेरा, तुलसी, नीम व आवंला आदि के जरिये लोगों को लाभांवित किया जा रहा है। यह जीवन रक्षक जड़ी-बूटियां मनुष्य ही नहीं बल्कि पशु-पक्षियों को भी इससे लाभांवित किया जा रहा है। मनुष्य अपने जीवन को नियमित योग करते हुए जीवन को रोग मुक्त किया जा सकता है। यदि कुछ शेष बचता है तो इन जड़ी-बूटियों के ज्ञान से रोग मुक्त हुआ जा सकता है। आयुर्वेद देश में लुप्त हो रही थी, लेकिन स्वामी जी एवं आचार्य बाल कृष्ण ने इसे पुनः जन जन के लिए प्रिय बना दिये। आज के समय में वर्तमान युग के धन्वंतरि कहा जाये तो यह अतिशयोक्ति न होगी। नेपाल देश में जन्में और भारत में अपने पुरूषार्थ व गुणों से देश की सेवा करने वाले ऐसे महान पुरूष को शत शत नमन करते है। जन्मदिवस पर जड़ी बूटी वितरण एवं पौधरोपण कर मनाया गया। इस मौके पर लालचन्द, लौटू जी, बिन्दू भूषण, शैलेष, स्वतंत्र प्रकाश, रणविजय, जयप्रकाश, ओंकार, डा दिलीप श्रीवास्तव, सरस्वती, अनामिका, रमावती, फूलमती आदि लोग उपस्थित रहे।
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