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कृषि मंत्री शाही ने कृषि महा विद्यालय(कैम्पस) आजमगढ़ में शिक्षा सत्र का किया शुभारम्भ


आजमगढ़ : आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज, फैजाबाद के अन्तर्गत कृषि महा विद्यालय (कैम्पस) आजमगढ़ में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने , कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान उ0प्र0 सरकार द्वारा प्रोफेसर जे0एस0 सन्धु कुलपति नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय की अध्यक्षता में शैक्षणिक सत्र 2018-19 से कृषि स्नातक पाठ्यक्रम के पठन-पाठन का शुभारम्भ मन्त्रोच्चारण, फीता काटकर तथा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि इस कैम्पस में कृषि स्नातक पाठ्यक्रम के अध्ययन का शुभारम्भ कर दिया गया है। आस-पास के क्षेत्रों के छात्र यहां पढ़कर कृषि के क्षेत्र में ज्ञान अर्जित कर सकते हैं। उन्होने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय के भवन से वहां की शिक्षा के स्तर का आकलन नही किया जाना चाहिए, बल्कि वहां के शिक्षक तथा छात्रों को अच्छी देने में रूचि रखते हों तथा इसके साथ-साथ छात्र भी पढ़ाई में रूचि रखें तभी उस विश्वविद्यालय की छवि अच्छी रहेगी तथा उस विश्वविद्यालय के छात्र अच्छी शिक्षा ग्रहण करके अपने जनपद का नाम देश-विदेश में रख सकते हैं।
इस नये कृषि विश्वविद्यालय के खुल जाने के कारण आस-पास के किसानों को भी लाभ मिलेगा, क्योंकि इस विश्वविद्यालय में नये-नये खेती करने की तकनीक तथा उन्नतशील बीजों का अनुसंधान करके उन बीजों तथा तकनीकों को किसानों के बीच पहुंचाने पर किसान खेती के प्रति जागरूक होंगे तथा किसान नये-नये खेती की तकनीकि के माध्यम से अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
प्रोफेसर आर0के0 दोहरे द्वारा सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
इस अवसर पर रजिस्ट्रार पीके सिंह, प्रोफेसर एपी राव, बीजेपी जिलाध्यक्ष जयनाथ सिंह, डीप्टी डायरेक्टर कृषि डाॅ0 आरके मौर्य, जिला उद्यान अधिकारी बाल कृष्ण वर्मा सहित कृषि महाविद्यालय कोटवा के प्रोफेसर तथा कृषि स्नातक के छात्र उपस्थित रहे।
तत्पश्चात मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र कोटवा में स्थित मधुमक्खी पालन इकाई के इटैलियन मधुमक्खी, अति सघन बागवानी में आम के प्रजाति में दसहरी, आम्रपाली, लंगड़ा तथा अमरूद के प्रजाति में जी विलास पसन्द, श्वेता, सुर्खा, सरदार, ललित, इलाहाबादी, सफेदा तथा नाडेफ कम्पोस्ट उत्पादन इकाई, हर्बल गार्डेन में औषधियों के पौधे, नील हरित शैवाल, जैव उर्वरक (काई की खाद), वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन इकाई, यूसेनिया फोटिडा तथा बीज भण्डार गृह, बैकयार्ड पोल्ट्री इकाई में कड़क नाथ प्रजाति का मूर्गा जो छत्तिसगढ़ से मंगा कर पाला जा रहा है तथा बकरी पालन में बरबरी प्रजाति की बकरी को भी पाला जा रहा है, तथा कृषि विज्ञान केन्द्र कोटवा में स्थापित प्रयोगशाला का निरीक्षण किया गया।
इसी के साथ-साथ कृषि विज्ञान केन्द्र कोटवा में सबमिशन आन एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन (आत्मा) योजना के अन्तर्गत समन्वित कृषि प्रणाली पर आधारित दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस विज्ञान में केंचुए को पालकर केंचुए से कम्पोस्ट खाद तैयार किया जाता है तथा खेती से संबंधित नये-नये तकनीक तथा कृषि यन्त्रों को प्रशिक्षण के माध्यम से बताया जाता है तथा किसाना भाई कृषि विज्ञान केन्द्र में प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित होकर कृषि से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होने किसानों को तुलसी के पौधों की खेती करने के लिए प्रेरित किया तथा कहा कि यहां के किसान धान और गेंहु लगाते हैं, उन्होने कहा कि यह तरिका बदलने की जरूरत है। उन्होने किसानों से कहा कि बाजरा, कोदो, मड़ुआ, दाल आदि की खेती करें, जिससे आप अपने आय को बढ़ा सकते हंै। उन्होने कहा कि धान को बेचने के लिए किसान रकबे के अनुसार 31 अगस्त 2018 तक आनलाइन अर्जन पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं।
उन्होने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र किसानों और वैज्ञानिकों के बीच की कड़ी है, किसान भाई कृषि विज्ञान केन्द्र पर आकर अपने फसलों और पौधों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होने कहा कि इस समय खेती को वैज्ञानिक ढ़ंग से करने की जरूरत है तभी किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं।


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