देशभर से आये मुख्यधारा के हिंदी कवियों ने श्रोताओं को बांधे रखा आजमगढ़ :: महापंडित राहुल सांकृत्यायन जी की 125 वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में जनवादी लेखक संघ आजमगढ़ के तत्वावधान में 'कविता संगम' का आयोजन रविवार को नेहरु हाल में आयोजित हुआ। कवि 'धूमिल' के शब्दों में "कविता भाषा में आदमी होने की तमीज है"। कविता मनुष्य की संवेदनात्मक लय है। इसलिए जनवादी लेखक संघ ने कविता संगम में देशभर से मुख्यधारा के हिंदी कवियों को आयोजन में बुलाया । कार्यक्रम की अध्यक्षता मदन कश्यप , कात्यायनी एवं केशव तिवारी के अध्यक्ष मंडल ने किया। दिल्ली से सुप्रसिद्ध कवि मदन कश्यप , लखनऊ से कात्यायनी , नलिनी रंजन, तरूण निशान्त, सुशीला पुरी , संध्या सिंह एवं ज्ञान प्रकाश , बनारस से महेंद्र प्रताप, लक्ष्मीकांत त्रिपाठी , राजेंद्र वर्मा ,कुमार मंगलम, बलिया से अजय पांडे, गोरखपुर से प्रमोद कुमार, फैजाबाद से विशाल श्रीवास्तव तथा जनपद से शिखा मौर्य, डॉ० इंदु श्रीवास्तव , डॉक्टर प्रतिभा सिंह, प्रतिभा श्रीवास्तव, अरुण मौर्य, आरसी चौहान , सोनी पांडे ने अपनी कविताएं पढ़ीं। [इस अवसर पर लालसा लाल तरंग जी ,रवीन्द्र नाथराय ,अरवींद्र चित्रांश ,एस के सत्येन ,वेद् प्रकाश उपाध्याय ,डॉ मातबर मिश्र , अभिषेक पण्डित, ममता पण्डित, अनामिका पालीवाल, आशा सिंह, जगदीश प्रसाद बरनवाल, कुंद आँशुमाला सिंह अजय गौतम ,अजीत पाण्डेय, रमेश मौर्य ,हेमन्त अल्पनाथ यादव, प्रयास संस्था ,अभया संस्था ,आली संस्था, आजमगढ़ विकास संघर्ष समिति के सदस्य अंत तक कविता संगम में जमे रहे। कवियों में आजमगढ़ के श्रोताओं के कविता प्रेम ने अत्यंत प्रभावित किया । वरिष्ठ कवि मदन कश्यप ने कहा कि साहित्यकारों की भूमि पर आज कविता पढ़ना मेरे लिए गौरव की बात रही । इस अवसर पर जनपद के गणमान्य नागरिक एवँ साहित्यिक श्रोता गण उपस्थित रहे।
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