आजमगढ़ :: जहानागंज थाने के चक्रपानपुर स्थित राजकीय मेडिकल कालेज के हास्टल में फांसी लगाने वाली एमबीबीएस फाइनल इयर की आकांक्षा सिंह कालेज की टॉपर छात्रा थी। रोजाना रात में परिवार वालों से बातचीत होती थी। रविवार की रात भी बातचीत के बाद परिवार वालों को ऐसा नहीं लगा कि वह किसी बात से परेशान है। पुलिस ने आकांक्षा की दोस्तों और कालेज प्रबंधन से भी पूछताछ की लेकिन देर रात तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी थी। .आजमगढ़ जिले के चक्रपानपुर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के हॉस्टल में एमबीबीएस चौथे वर्ष की छात्रा ने सोमवार शाम खुदकुशी कर ली। मौके से सुसाइड नोट मिला है। उसमें केवल यह लिखा है कि वह अपने जीवन से तंग आ गई थी।आकांक्षा के पिता बेचन सिंह मिर्जापुर में अहरौरा थाने के नगर चौकी पर हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। एक बेटा और एक बेटी में आकांक्षा बड़ी थी। घटना की खबर मिलते ही परिवार के लोग आजमगढ़ के लिए रवाना हो गए। बेचन सिंह के अनुसार रोजाना रात में आकांक्षा की बातचीत होती थी। रविवार की रात में हुई बातचीत के बाद भी इस बात का कोई आभास नहीं हुआ कि आकांक्षा परेशान है। इधर कालेज में घटना के बाद से अन्य छात्राओं के भी होश उड़े हुए थे। देर रात तक पुलिस और फोरेंसिंक टीम के सदस्य छात्रा के कमरे में जांच पड़ताल करते रहे। उसके सुसाइड नोट को पढ़ने के बाद भी पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी थी। उसमें केवल अंग्रेजी में यही लिखा था कि अब इस दुनिया में नहीं रहना चाहती और जीवन समाप्त कर रही हूं।. प्राचार्य ने पुलिस को मामले से अवगत कराया। सूचना पर सीओ सदर मोहम्मद अकमल पहुंच गए। शव को नीचे उतारा गया। मामले की सूचना परिजनों को भी दी गई। घटना से कॉलेज में सभी हतप्रभ हैं। कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर आरपी शर्मा ने बताया कि छात्रा फाइनल वर्ष में थी। वह अपने बैच की सेकंड टॉपर थी। वहीं मौके पर मौजूद छात्राओं का कहना था कि आकांक्षा के बारे में कोई विशेष बात उन्होंने नहीं सुनी थी।
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