आजमगढ़ :: पति जब घर नहीं पहुंचा तो पत्नी पति की तलाश में आजमगढ़ पहुच गयी। पति द्वारा दिए गए पते पर जब पत्नी जाने का प्रयास किया तो पता चला की इस नाम का इस जनपद में कोई गावं नहीं है। दो दिन रेलवे स्टेशन पर बिताने के बाद पत्नी पुलिस अधीक्षक से मिली और यह प्रकरण महिला थाने को सौंप दिया गया। महिला थाने की पुलिस ने मामले में तत्परता दिखाई और पति को ढूढ़ निकाला और दोनों को मिलाकर आपसी सहमती से विदा कर दिया।
पुलिस के अनुसार आजमगढ़ जिले के निज़ामाबाद थाना क्षेत्र के अरया पठखौली निवासी मनीष पुत्र संजीवन राम हरयाणा के पानीपत में रहकर वर्षों से नौकरी करता था। वही की रहने वाली युवती से इसका प्रेम हो गया और 12 वर्ष पूर्व दोनों एक साथ पति पत्नी की तरह रहने लगे और छः माह पूर्व दोनों ने आपस में कोर्ट मैरिज कर शादी कर ली। इनका एक बच्चा भी भी है। हाल ही में मनीष के बड़े भाई की शादी थी जिसमे शामिल होने मनीष आजमगढ़ आया हुआ था | इस दौरान उसकी पत्नी का संपर्क नहीं हुआ। फिर पत्नी पति को ढूढ़ते हुए आजमगढ़ पहुँच गई। उसने पति की काफी तलाश की लेकिन उसे सफलता हाथ न लगने पर वह पुलिस अधीक्षक से मिली। पुलिस अधीक्षक ने महिला थाने को ये जिम्मेदारी सौंपी जिसके बाद महिला थानाध्यक्ष कल्पना मिश्रा ,हेड कांस्टेबल अवधेश ,कांस्टेबल धीरज यादव, नज़रे आलम ने तलाश शुरू की और आखिरकार उसके पति को ढूढ़ने में सफल रही और फिर दोनों एक साथ अपने घर चले गए।
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