आजमगढ़:: मरीज की मौत के बाद लगातार संगठनों के प्रदर्शन के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन गुरूवार को वेदांता हास्पिटल व डा शिशिर जायसवाल के पक्ष में सामने आ गया और आरोपों पर खुलकर अपनी बात मीडिया के समक्ष रखी। आईएमए के पदाधिकारियों ने कहा कि कुछ लोग सुनियोजित तरीके से झूठ, अफवाह व भ्रम फैलाकर वेदांता अस्पताल और डा शिशिर जायसवाल को बदनाम करना चाहते है। उन लोगों ने 22 जून को एक मरीज की इलाज के दौरान हुई दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु को अकारण ही मुद्दा बनाकर जिस प्रकार जनता के बीच दुष्प्रचार और भ्रम फैलाया वो अत्यंत दुखद एवं चिंताजनक है। अगर ऐसा ही माहौल रहा तो कोई भी चिकित्सक सही ढंग से कार्य नहीं कर पायेगा। अतरौलिया निवासी रामकेश सोनी (35) बीते 19 जून को सड़क हादसे के बाद गंभीर अवस्था में रात के एक बजे लाया गया। जिसे दिमाग के अन्दरूनी भाग में गहरी चोट की लिखित कन्सेंट. लेने के बाद मरीज का इलाज शुरू हुआ। जिस दिन उसकी मृत्यु हुई उस दिन भी मरने के एक घंटा पूर्व तक परिजनों ने अत्याधिक बुखार की वजह से शरीर पर पानी की पट्टी करते रहे। वेदांता के आरोप के परिपेक्ष्य में आईएमए के पदाधिकारियों ने कहा कि भ्रामक खबर फैलायी जा रही कि मरीज की मृत्यु चिकित्सक के बताने के दो दिन पूर्व हो हुई थी। जबकि हम सभी जानते है कि मृत्यु के बाद शरीर एक दम ठंडी हो जाती है, पर ऐसा नहीं था वाइटल चार्ट जो प्रत्येक चार घंटे पर भरा जाता हैं और उस पर परिजन के दस्तख्त होते है, वो भी मौजूद हैं। ऐसे मे पूर्व में मृत्यु का सवाल ही नहीं उठता। श्री जायसवाल ने दूसरे आरोप पर बोलते हुए कहा कि अफवाह उड़ायी जा रही कि संस्थान द्वारा मरीज से दो लाख रूपया मांगे गए जबकि सच यह है कि मरीज के परिजन केवल दवा उपलब्ध कराये। जबकि पता चला है कि कुछ लोग अस्पताल परिसर में पहुंच कर मरीज के परिजन से बयान दिलवाया है कि आप ऐसा बोलो तो हम अस्पताल से दो लाख रूपये दिलवायेंगे। जिन्होंने बयान दिया वो पुरूष एवं महिला दोनां ही मृत्यु के दिन कुछ ही देर पूर्व मुम्बई से आये थे शुरू से वो मौके पर नहीं थे इसलिए वो पूरे मामले से अनभिज्ञ थे और झांसे में आकर बयान दिया। उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा किसी भी मारपीट के आरोप को गलत बताया। आईएमए पदाधिकारियों ने जनमानस से अपील किया कि किसी भी अफवाहों पर ध्यान न दें अगर कोई भी शंका मन में हो तो अस्पताल हमेशा खुला है, हम हमेशा आप की सेवा के लिए तत्पर है और जीवन भर रहेंगे। आईएमए ने सामाजिक संगठनों के साथ आगामी दिनों में बैठक की भी बात कही। इस अवसर पर डा स्वास्ति सिंह, डा निर्मला श्रीवास्तव, डा फुरकान अहमद, डा आरबी त्रिपाठी, डा विपिन यादव, डा संजय यादव, डा डीपी राय, डा अर्चना मैसी, डा पंकज जायसवाल, डा अंशुमान डा अभिषेक, डा सुधीर कुमार सिंह, डा एके सिंह, डा एमके बरनवाल, डा संजय यादव, डा शरद कुमार मिश्रा, डा पंकज राय, आदि आईएमए सदस्य मौजूद रहे।
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