आजमगढ़ :: कहते हैं की लोकतंत्र में डीएम राजा होता है , लेकिन प्रजा के प्रति उसकी सोच क्या होती है यह आज के परिवेश में अनुमान लगाना मुश्किल है। इस अवधारणा को आज के परिवेश में देखे तो हम आजमगढ़ वाले भाग्यशाली प्रतीत होते हैं। रविवार की तमसा सफाई अभियान के दौरान अपने जिले आजमगढ़ के डीएम ने कुछ ऐसा कर दिया की दिल बाग़ बाग़ हो उठा। इसे कहते हैं मानवीय संवेदनशीलता। तमसा सफाई अभियान में लगे एक अग्रणी संगठन भारत रक्षा दल के कार्यकर्ता अफजल को जब नदी सफाई के दौरान पाँव में काँच घंसने से खून का रिसाव होते जिलाधिकारी ने देखा तो तत्काल अपनी रूमाल उसके घाव पर बाँधने के लिए देकर अपने संवेदन शील होने का परिचय दिया। अफजल मना करते रहे पर डीएम साहब न माने , यह दृश्य जिस किसी ने भी देखा प्रशासन की आम जनों के प्रति संवेदनशीलता पर कहीं ना कहीं खुशी और फ़ख्र महसूस किया । अकेले अफ़ज़ल ही नहीं कुछ अन्य लोगों को भी चोटें आयी पर सब हँसते हँसते अपने कार्य में लगे रहे। बहरहाल जब काम अच्छा हो रहा है तो बुरी बातें क्यों की जाए। पर अपने स्वास्थ्य विभाग को इस पर गौर करना चाहिए।
Blogger Comment
Facebook Comment