उच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित,05 वर्ष से अधिक अवधि के लम्बित वादों का त्वरित निस्तारण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता: मण्डलायुक्त आज़मगढ़ 20 जून -- मण्डलायुक्त एसवीएस रंगाराव द्वारा सीधे वादकारियों/उनके अधिवक्ता से उनका पक्ष सुनकर माह मई से अब तक रिाकार्ड 305 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें भूमि विवाद से सम्बन्धित 28 वाद, गुण्डा एक्ट के 157, आम्र्स एक्ट के 98 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसी एक्ट) के 22 वाद सम्मिलित हैं। उन्होने कहा कि निस्तारित वादों में बड़ी संख्या में उच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित तथा पाॅंच वर्ष से अधिक अवधि के वाद सम्मिलित हैं। मण्डलायुक्त श्री रंगाराव ने बताया कि उनके द्वारा डेढ़ माह के अन्दर सीधे वादकारियों/उनके अधिवक्ताओं से उनका पक्ष सुनकर जितने वाद निस्तारित किये गये हैं उतने वाद गत डेढ़ वर्ष में भी निस्तारित नहीं हुए थे। उन्होंने यह भी कहा कि इस अवधि में 250 वाद आदेश हेतु सुरक्षित भी किये गये हैं, परन्तु कर्मचारियों की कमी के कारण समय से निर्गत नहीं किये जा सके हैं। इस सम्बन्ध में उन्होंने आदेश हेतु सुरक्षित वादों से सम्बन्धित वादकारियों से कहा कि जिस धैर्य से उन लोगों ने न्याय के लिए वर्षों तक संघर्ष और इन्तजार किया है, हालात को देखते हुए अधिक से अधिक 10-12 दिन और इन्तजार कर लें, इस अवधि में ऐसे वादों से सम्बन्धित निर्णय भी जारी कर दिये जायेंगे। मण्डलायुक्त श्री रंगाराव ने कहा कि मा0उच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित वादों, स्थगनादेश के माध्यम से सरकारी भूमि पर वर्षों से अवैध कब्जों से सम्बन्धित वादों, 05 वर्ष से अधिक अवधि के लम्बित वादों का निस्तारण तथा वादकारियों को अनावश्यक भाग दौड़ से बचाकर सुलभ व त्वरित न्याय दिलाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने मण्डलवासियों से कहा है कि यदि उनके संज्ञान में कोई ऐसी शासकीय भूमि है जिसका वाद उनके न्यायालय में विचाराधीन है तथा येनकेन प्रकारेण स्थानागनादेश के माध्यम से उसपर वर्षों से किसी के द्वारा कब्जा जमाया गया, तो इस सम्बन्ध में उन्हें तत्काल अवगत कराया जाय ताकि उस पर शीघ्र निर्णय लेते हुए भूमि का कब्जामुक्त कराया जा सके। ज्ञातव्य हो कि न्यायिक कार्य में उत्पन्न गतिरोध के कारण गत माह से मण्डलायुक्त श्री रंगाराव द्वारा सीधे वादकारियों से उनकी इच्छानुसार उनका पक्ष सुनकर न्यायिक कार्यों का सम्पादन किया जा रहा है। मण्डलायुक्त द्वारा इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए बुधवार को भी मुकदमों से सम्बन्धित उभयपक्षों को सुनकर न्यायिक कार्यों का सम्पादन किया गया। उन्होंने कहा कि यह सिलसिला पूर्व में निर्धारित न्यायिक कार्य दिवसों के अलावा अब प्रत्येक सोमवार , मंगलवार एवं शनिवार को भी जारी रहेगा।
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