आजमगढ़। पुरुषोत्तम मास के पावन अवसर पर गौरीशंकर अग्रवाल एवं समस्त अग्रवाल परिवार द्वारा बिहारी जी के मंदिर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन बुधवार को पूज्य प्रदीप कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने श्रद्धालुओं को बताया कि अजामिल जैसे महा पापी ने अपने पुत्र के बहाने भगवान का स्मरण किया तो भगवान के पार्षद दौड़े चले आए और अजामिल को मोक्ष प्रदान किया। कोई साधारण से साधारण व्यक्ति अगर स्मरण करता है तो बह भगवान की प्राप्ति संभव है। भागवत कथा का वर्णन करते हुए उन्होंने गज और ग्राह की कथा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि यह संसार ही सरोवर है इस संसार में भगवान का बह जन ना किया जाए तो जीवन की दुर्गति निश्चित है। संसार से बचने के लिए भगवान का स्मरण आवश्यक है। उन्होंने बताया कि भक्तों की रक्षा के लिए भगवान को आना पड़ता है जैसे भगवान से हिरणकश्यप बहुत द्वेष करता था। लेकिन उसका पुत्र प्रहलाद भगवान का बहुत बड़ा भक्त था जब हिरण कश्यप ने प्रहलाद को सताया उसके बाद भी प्रह्लाद ने भक्ति नहीं छोड़ी और भक्त की रक्षा के लिए भगवान ने अवतार धारण किया जिसे नरसिंह अवतार कहा जाता है। इसके बाद पूज्य श्री शास्त्री जी ने वामन अवतार का प्रसंग सुनाया और कहा कि बलि के यहां बामन भगवान भिक्षा मांगने के लिए गए थे और पृथ्वी मांगा बीच में शुक्राचार्य बाधक बने तो कुश से उनकी आंखें फोड़ दी। अर्थात दान देने में बाधक नहीं बनना चाहिए। भागवत कथा के बाद सभी लोगों द्वारा धूमधाम से भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। इस मौके पर प्रभुनाथ अग्रवाल,रुपेश,रितेश,प्रवीण,नितिन,मिहिर, एवं काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
Blogger Comment
Facebook Comment