आजमगढ़:: महाराणा प्रताप सेवा समिति द्वारा शूरवीर महाराणा प्रताप की जयंती बुधवार को नगर के रोडवेज स्थित एक बेक्विट हाल में धूमधाम से मनायी गयी। जिसकी अध्यक्षता दयाशंकर सिंह व संचालन प्रभुनारायण प्रेमी ने किया। जयंती समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद डा संतोष कुमार सिंह ने कहा कि शूरवीर महाराणा प्रताप ने मुगलों के खिलाफ जंग छेड़कर आम जनमानस को आंदोलित किया। उन्होंने अपने वीरता के दम पर हिन्दु मूल्यों की रक्षा किया और मुगलों को नाको चने चबवाने का काम किया। इस दौरान उन्होंने वीररस के महाकवि पं श्यामनरायण पांडेय का भी नमन किया जिन्होंने उनकी वीरता को अपने कालजयी रचना हल्दीघाटी के जरिये उल्लेखित किया। आज देश वासी वीरता, शूरता, पराक्रम, राष्ट्रभक्ति के लिए महाराणा प्रताप को नमन करते है जो हमें गौरवान्वित करता है। समिति के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह ने कहा कि 9 मई 1540 में सिसोदिया वंश के कुम्भलगढ के महाराजा उदय सिंह व माता राणी जीवंत कुंवर के यहां राणा प्रताप का जन्म हुआ। महाराणा प्रताप के वीरता के आगे मुगल पस्त थे, उन्होंने कई युद्धों में मुगलों को करारी शिकस्त दी। 1576 में हल्दीघाटी में लगभग 20 हजार सैनिकों को लेकर मुगल सेना के सरदार राजामान सिंह के 80 हजार सैनिकों का सामना किया। राणा प्रताप का सम्पूर्ण जीवन संघर्षो भरा रहा। उन्होंने स्वतंत्रता को ही अपना मूल उद्देश्य मानते हुए सदैव सभी को इसके लिए प्रेरित किया। उनका पराक्रम ही था कि अकबर ने उनसे समझौते का हर प्रयास किया लेकिन सभी प्रस्तावों को ठुकरा दिया। इस अवसर पर अधिवक्ता शत्रुध्न सिंह, आद्या प्रसाद सिंह, डा सुबाष सिंह, पूर्व सभासद हरिवंश सिंह, प्रवीण कुमार सिंह, राघवेन्द्र प्रताप, हरिलाल यादव, दीनानाथ सिंह, वीरभद्र प्रताप सिंह, सुरेन्द्र, विनीत सिंह रीशू, सौरभ सिंह, बालचन्द, विवेक पांडेय, शरद सिंह, हदय सिंह, राहुल सिंह, सिद्धार्थ सिंह, जय सिंह, अमलेश सिंह, आदि मौजूद रहे।
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