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खरीफ कृषि उत्पादकता गोष्ठी/किसान मेला में कृषकों को दी गयी महत्वपूर्ण जानकारियां

आजमगढ़:: मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार उपाध्याय की अध्यक्षता मे जनपद स्तरीय खरीफ कृषि उत्पादकता गोष्ठी/किसान मेला 2018 नेहरू हाल के सभागार मे सम्पन्न हुई। उक्त गोष्ठी का शुभारम्भ मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार उपाध्याय तथा भाजपा जिलाध्यक्ष जयनाथ सिंह द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
किसान मेले मे गन्ना विकास विभाग, पशुपालन विभाग, उद्यान एवं खाद्य संस्करण विभाग तथा कृषि विभाग से संबंधित स्टाल लगाये गये थे। उक्त स्टालों से किसानों द्वारा जानकारी प्राप्त की गयी। मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष जयनाथ सिंह द्वारा किसान मेले मे लगे हुये स्टालों को देखा गया तथा विभिन्न स्टालों द्वारा विभिन्न योजनाओं की जानकारी दिया गया। भाजपा जिलाध्यक्ष जयनाथ सिंह ने समस्त उपस्थित किसानो को कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे मे विस्तार से बताया तथा उन्होने कहा कि भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए अपने खेतों मे जैविक खाद का प्रयोग करें। इसी के साथ-साथ उन्होने किसानो को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे मे बताया। उन्होने गैर ऋणी कृषकों से कहा कि उक्त योजना का लाभ उठाने के लिए अधिक से अधिक पंजीकरण कराना सुनिश्चित करें। यह योजना प्राकृतिक आपदाओं एवं प्रतिकूल मौसम के प्रभाव के कारण होने वाली सम्भावित वित्तीय हानि की क्षतिपूर्ति करती है। इस योजना के अन्तर्गत अधिसूचित फसलें अरहर, धान तथा मक्का है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ने किसानो से कहा कि फसलों की समय से बुआई करें तथा खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करें, जिससे एक ओर पशुधन से दूध तथा अन्य उपयोगी खाद्य पदार्थ प्राप्त होते हैं, वहीं पशुपालन से भारी मात्रा मे गोबर जीवांश खाद के रूप मे प्राप्त होेता है, जो मृदा स्वास्थ्य का मूल आधार है। संयुक्त कृषि निदेशक एसके सिंह ने किसानो से कहा कि अच्छी उपज के लिए बीज शोधन को जरूर से अपनायें तथा उर्वरक की बढ़ती कीमत को दृृष्टिगत रखते हुए फसल चक्र मे दलहनी फसलों का अधिक से अधिक समावेश किया जायेे, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहे और उर्वरकों के अन्धाधुन्ध प्रयोग को भी कम किया जा सके। धान की सर्वाधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए एस0आर0आई0 पद्धति को अधिकाधिक अपनाया जाये।
परियोजना निदेशक दुर्गादत्त शुक्ल ने किसानों को सरकार की मन्शा के अनुरूप किसानों को खेती से दोगुनी आय करने के तरीके के बारे मे बताया। उप कृषि निदेशक डाॅ0 आर0के0 मौर्य ने किसानो को कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे मे विस्तार से बताया। उन्होने कहा कि मृदा स्वास्थ्य एवं जैविक खेती पर विशेष ध्यान दिया जाये, जिससे गुणवत्तायुक्त इष्टतम कृषि उत्पादन सदैव प्राप्त होती रहे। उन्होने बताया कि किसान काल सेन्टर टोल फ्री नं0 1800-180-1551 पर कृषि सम्बन्धी की जानकारी की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है, किसान भाई इस पर अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।
कृषि वैज्ञानिक डाॅ0 आर0के0 सिंह ने किसानों को अरहर की खेती के बारे मे बताया। उन्होने कहा कि बीज को हमेशा शोधन के उपरान्त बोया जाये तथा अरहर की बुआई खेतों के मेड़ों पर ही करनी चाहिए और प्रत्येक पेड़ की दूरी 2 फीट रखनी चाहिए। उन्होने अरहर पर लगने वाले कीड़े के प्रकोप तथा बचाव के बारे मे बताया। इसी के साथ-साथ कृषि वैज्ञानिक द्वारा बताया गया कि खेतों की उर्वरा शक्ति बनाये रखने के लिए खेत मे फसलों को न जलायें। खेतों मे सनई तथा ढ़ैचा को बोकर उसकी जुताई करें जिससे खेतों मे जैविकीय खाद की मात्रा बढ़ सकती है।
बाराबंकी के प्रगतिशील किसान भूपेन्द्र सिंह ने किसानों को जैविकीय खेती के बारे मे बताया। उन्होने कहा कि दो वर्ष मे एक बार दलहनी फसल बोनी चाहिए। उन्होने किसानो को बताया कि गाय को पालें तथा उसके गोबर का अपने खेतों मे प्रयोग करें, गाय के गोबर मे बैक्टीरिया पायी जाती है जो खेतों के लिए लाभदायक होता है। इस अवसर पर भूमि संरक्षण अधिकारी संगम मौर्य, जिला उद्यान अधिकारी बाल कृष्ण वर्मा, विशिष्ट अतिथि अरविन्द राय, चन्दू सरोज जी, किसान मोेर्चा के अध्यक्ष, वरिष्ठ भाजपाध्यक्ष सहित संबंधित अधिकारीगण तथा किसान भाई उपस्थित रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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