आजमगढ़ :: विपक्षी दल ने नेताओं के अनुसार विगत 2 अप्रैल को भारत बन्द के दौरान थाना-जीयनपुर हल्के मं हुई हिंसक वारदातों में फर्जी तौंर पर गिरफ्तार कर फॅसाये गये लोग हैं जो स्थानीय जिला जेल में बन्द हैं। रविवार को ऐसे दो दर्जन लोगों से मिलने सपा व बसपा के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल सुबह जिला जेल पहुॅचा। दोनों पार्टियों के नेताओं ने जेल में बन्द कथित बेकसूरों से मुलाकात की। सपा बसपा नेताओं ने बताया इस मौके पर लोगों ने अपने शरीर पर मौजूद चोटों के निशान दिखाये और अपने साथ हुई उत्पीड़न की घटना से अवगत कराया। जेल से लौटने के बाद दोनों पार्टी के नेताओं ने बताया कि उक्त मामले में बड़े-बूढ़ों के अलावा नाबालिकों को भी मुल्जिम बनाया गया है। उनकी चोटों से एैसा प्रतीत होता है कि स्थानीय पुलिस से उन्हें बड़ी बेरहमी से मारा है। तो दूसरी तरफ जीयनपुर और मालटारी आस-पास इलाकों से मिलने वाली खबरों से पता चलता है कि 2 अप्रैल की घटना के बाद से लगातार पुलिस लोगों का उत्पीड़न कर रही है। उक्त घटना पर पार्टी द्वय के नेताओं ने खेद प्रकट किया और कहा कि अगर उत्पीड़न नही रुका तो हम सपा बसपा के लोग एक संघर्ष समिति गठित कर इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए अग्रिम रणनीति तय करेंगे।
इस अवसर पर स0पा0जिलाध्यक्ष हवलदार यादव, विधायक नफीस अहमद, विधायक आलमबदी आजमी, पूर्व सांसद बलिहारी बाबू, ब0स0पा0जिलाध्यक्ष अनिल कुमार, पूर्व मंत्री विद्या चौधरी, बसपा नेता सुशील सिंह, डा0अशद इदरीश, मुस्तेजाब आलम बाबू, बसपा नेता मो0तारिक हसन उपस्थित थे।
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