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'महिला अधिकार एवं कर्त्तव्य' संगोष्ठी में नारी शक्तियों को सबल बनाने पर हुई सार्थक चर्चा



नारी ही नारी की शक्ति बनें, आत्मबल बढ़ाने मात्र से ही आस-पास की सभी चीजें बदल जायेंगी 
बच्चों को गुड़ व बैड टच के बारे में बतलायें, मोबाइल महिलाओं की सुरक्षा का यंत्र हो सकता है -ऋचा साहनी 
आजमगढ़:: नारी शक्ति संस्थान द्वारा महिला अधिकार एवं कर्त्तव्य विषयक संगोष्ठी का आयोजन नगर के रोडवेज स्थित हल्दीराम बैक्वेट हाल के सभागार में शनिवार को सम्पन्न हुआ। सर्वप्रथम मां दुर्गा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करने के बाद महिला अधिकार व कर्त्तव्यों पर विचार से चर्चा किया गया। जिसकी अध्यक्षता संरक्षक श्रीमती नीलिमा श्रीवास्तव व संचालन संस्थान अध्यक्ष डा वन्दना द्विवेदी ने किया।
कार्यक्रम को मुख्य प्रेरक के रूप में संबोधित करते हुए प्रदेश संरक्षक श्रीमती ऋचा साहनी पत्नी अजय साहनी एसपी आजमगढ़ ने कहा कि हर महिलाओं का कर्त्तव्य है कि अपने बच्चों को गुड व बैड टच के बारे में बताये अगर कोई गलत तरीके से छूने का प्रयास करता है तो इसकी जानकारी तुंरत अपने माता-पिता को दें और उनके अभिभावकों का कर्तव्य है कि इसे स्वीकार न करें बल्कि इसकी शिकायत पुलिस को दें ताकि ऐसे लोगों को सबक सिखाया जा सके। यदि ऐसी हरकतों पर निचले तबके के अधिकारी गंभीर नहीं होते है तो इसकी सूचना तत्काल बड़े अफसरों को दें, निश्चित रूप से उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। श्रीमती साहनी ने आगे कहा कि अगर आस-पास किसी भी महिला के साथ अन्याय होता है तो हमें एकजुट होना चाहिए, तभी हम नारियों का सम्मान सुरक्षित रह सकेगा। नारी ही नारी की शक्ति बनें ताकि नारी शक्ति के जरिये अपनी आवाज मजबूती से उठाया जा सके। मोबाइल का प्रयोग महिलाओं पर हो रहे अन्याय के खिलाफ उसे हथियार बनाते हुए वीडियो बनाये और उसे अपलोड करें ताकि दोषी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही हो सके। महिला खुद को कमजोर न समझे क्योंकि आज विश्व स्तर पर महिलाएं अपने को सर्वाधिक मजबूत साबित कर चुकी है आत्मबल बढ़ाने मात्र से ही आस-पास की सभी चीजें बदल जायेंगी।
सीडीओ की पत्नी श्रीमती ऋचा सिंह ने कहा कि बेटियों की शिक्षा में असमानता को दूर करने के लिए अभिभावक आगे आये और अपने बेटी को साक्षर बनाने में हर संभव प्रयास करे।
समाज सेविका हिना देसाई ने कहा कि आज के दौर में लैंगिक असमानता हमारे बीच की मुख्य समस्या है जिस प्रकार से इन अनुपातों में गिरावट आ रही है वह चिंतनीय है।
संरक्षक उषा शर्मा व पूर्व प्राचार्या डा शारदा सिंह ने अध्यात्म के जरिये नारियों के उत्थान के बारे में विस्तार से बताया। अन्य वक्ताओं में डा मालती मिश्रा, विद्वुषी अस्थाना, डा पूजा पांडेय, डा मनीषा मिश्रा, डा नेहा दुबे, डा संचिता बनर्जी आदि मौजूद रही।
अंत में सचिव डा पूनम तिवारी ने सभी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि महिला अधिकार एवं कर्त्तव्य पर संगोष्ठी का उद्देश्य है सभी नारी शक्तियों के मजबूत बनाना है महज संगोष्ठी में शामिल होकर हम इसे सफल नहीं बना सकते बल्कि अपने आसपास की महिलाओं के दुख-दर्द, मर्म से वास्ता रखकर इस गोष्ठी को सफल बना सकते है।
इसके बाद पीड़ित महिलाओं ने अपनी समस्याओं को एसपी की पत्नी श्रीमती ऋचा साहनी को दिया। उन्होंने न्याय दिलाने का आश्वासन भी दिया।
इस अवसर पर रश्मि डालमिया, उमा प्रजापति, पूनम यशपाल सिंह, रिंकी प्रशांत, नीलम सिंह, अनिता सिंह अंचल, अर्चना वत्सल, बबिता जसरासरिया, रीता तिवारी, डॉ लीना मिश्रा, अल्का श्रीवास्तव, सुधा तिवारी, शशि सिंह, मंजू उपाध्याय, प्रीति गिरी, सीमा गुप्ता, शिल्पी अग्रवाल, सुधा पांडेय, शिला दुबे, अनिता श्रीवास्तव, प्रियंका चौरसिया, निमिषा अग्रवाल, दीक्षा सिंह,अनिता अग्रवाल, नीतू काश्यप आदि नारी शक्तियां मौजूद रही। 


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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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