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बिना रीपर वाली कम्बाइन हार्वेस्टर मशीन उपयोग हुयी तो होंगे दण्डित,कृषि अवशेष न जलाएं -डीएम

आजमगढ़ -- कृषि फसलों की कटाई हेतु मजदूरों की सीमित उपलब्धता, आधुनिक कृषि यंत्रों के माध्यम से समय एवं श्रम की बचत के दृष्टिगत कृषकों द्वारा कटाई एवं मड़ाई हेतु आधुनिक कृषि यंत्रों विशेष कर कम्बाइन हार्वेस्टर को तेजी से अपनाया जा रहा है। कम्बाइन हार्वेस्टर के प्रयोग से जहां श्रम एवं समय की बचत हो रही है, वहीं धान एवं गेहूं जैसी फसलें जिसके अवशेष को पशुओं के चारे के रूप मे प्रयोग किया जाता है, में कभी स्पष्ट परिलक्षित हो रही है। इसका मुख्य कारण फसलों की कटाई लगभग एक फुट छोड़ कर किया जाता है। खेतों मे बचे इन फसल अवशेषों को सामान्यतया कृषकों द्वारा जला दिये जाने की प्रवृत्ति मे उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है।
यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी ने बताया है कि इससे न केवल धरती का तापमान बढ़ रहा है, बल्कि पर्यावरण दूषित होने के साथ-साथ पशुओं मे चारे की कमी एवं लाभदायक जीव-जन्तुओं के नष्ट हो जाने से मृदा उर्वरता भी दुष्प्रभावित हो रही है। फसल अवशेष जलाये जाने का दुष्प्रभाव वायु प्रदूषण के रूप मे धूप-कोहरा (स्माॅग) की मात्रा मे वृद्धि होना है, जिससे न केवल स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है बल्कि कतिपय स्थानो पर अग्नि कांड जैसे भयानक घटनायें भी घटित हो रही है। शासनादेश के क्रम मे कृषि अपशिष्टों को जलाये जाने से रोकने हेतु कम्बाइन हार्वेस्टर मशीन स्ट्रा रीपर विद बाइंडर अनिवार्य रूप से उपयोग किये जाने हैं।
जिलाधिकारी ने आगे बताया है कि वर्तमान रबी मे गेहूं की कटाई का कार्य प्रारम्भ हो चुका है, अतः माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा पारित विभिन्न आदेशों के अनुक्रम मे शासन द्वारा कम्बाइन हार्वेस्टर मशीन स्ट्रा रीपर विद बाइंडर अथवा स्ट्रा रीपर का प्रयोग अनिवार्य रूप से कर दिया गया है। इसके साथ ही बिना रीपर मशीन के प्रयोग करने वाले कम्बाइन मशीन मालिक के विरूद्ध सिविल दायित्व भी निर्धारित किये जाने का निर्देश दिया गया है। कृषि अपशिष्टों को जलाने वाले दोषी व्यक्तियों को माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश के क्रम मे पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति हेतु नियमानुसार दण्ड देना पड़ेगा जिसमे कृषि भूमि का क्षेत्रफल 2 एकड़ से कम होने की दशा मे रू0 2500 प्रति घटना, कृषि भूमि का क्षेत्रफल दो एकड़ से अधिक किन्तु 5 एकड़ तक होने की दशा मे रू0 5000 घटना तथा कृषि भूमि का क्षेत्रफल 5 एकड़ से अधिक होने की दशा मे रू0 15000 प्रति घटना देना होगा।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिये हैं कि इस सम्बन्ध मे प्रत्येक स्तर से पर्याप्त प्रचार-प्रसार कराते हुए कम्बाइन मशीनों के साथ-साथ रीपर के प्रयोग की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाए तथा कम्बाइन मालिकों के दायित्व निर्धारित कराते हुए आवश्यक कार्यवाही सुिनश्चित की जाए। 

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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