आजमगढ़। अक्षय तृतीया की तिथि पर अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में चन्द्रमा ऋषि आश्रम सिलनी स्थित नवनिर्मित भगवान् परशुराम मंदिर में भगवान परशुराम जयंती बुधवार को धूमधाम से मनायी गयी। मंदिर में स्थापित प्रतिमा का शास्त्रीय विधि से पूजन व हवन किया गया। इस दौरान मंदिर निर्माण व मूर्ति स्थापना में मुख्य भूमिका निर्वाह करने हेतु पंडित सुभाष चन्द्र तिवारी कुन्दन को आश्रम के महंथ बमबम गिरि व महासभा के जिलाध्यक्ष रामप्रकाश त्रिपाठी ने अंगवस्त्रम भेंटकर सम्मानित किया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए ज्योतिषाचार्य प्रोफेसर प्रभुनाथ सिंह मंयक ने कहा कि क्रांतिवीर परशुराम जी शस्त्र-शास्त्र के अवतारी आचार्य थे। विष्णु के अवतार शिवभक्त एवं पिता के आज्ञा पालक परशुराम जी ने अंहकारी, अन्यायी, आतंकी सहस्रबाहु तथा उसके पुत्रों का वध करके धरती पर शांति, सुरक्षा, न्याय, धर्म एवं वैदिक मर्यादाओं की स्थापना की थी। उन्होंने महेन्द्र पर्वत पर वेद-वेदांग, धनुर्वेद इत्यादि का आचार्य केंद्र स्थापित कर भीष्म, द्रोण, कर्ण आदि को शिक्षा देकर वैश्विक मूल्यों की ऊर्जस्वी भूमिका निभायी थी।
साहित्यकार प्रभुनारायण पांडेय प्रेमी ने कहा कि वर्तमान विश्व में व्याप्त भय वातावरण और असुरक्षा से मुक्ति दिलाने हेतु भगवान परशुराम की रक्षाकारी भूमिका स्पृहणीय है।
गोष्ठी की अध्यक्षता बमबम गिरी व संचालन पंडित सुभाष चन्द्र तिवारी कुन्दन ने किया। अंत में आंगुतकों के प्रति रामप्रकाश त्रिपाठी ने आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर पंडित शशिधर मिश्र आचार्य, ललित मोहन उपाध्याय, धनश्याम तिवारी, सतीश मिश्र, विशाल उपाध्याय, भवेश मिश्र, संजय कुमार पांडेय, विजय शंकर मिश्र, रजनीकांत तिवारी, हरिकेश मिश्र, सोनू मिश्र आदि मौजूद रहे।
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