.

मौलाना हमीदुद्दीन फराही पर दो दिवसीय अन्तराष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आगाज़

शिब्ली कालेज में आये देश विदेश से प्रतिनिधि
आजमगढ:: शिब्ली नेशनल कालेज के कांफ्रेंस हाल में शनिवार को दी मुस्लिम एजुकेशन सोसाइटी के प्रथम सचिव मौलाना हमीदुद्दीन फराही के 'इल्मी व फिक्री मीरास' पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन हुआ। उद्घाटन की अध्यक्षता प्रोफेसर अल्ताफ अहमद आजमी ने किया। मुख्य अतिथि डा.मोहम्मद इकबाल फरहात प्रोफेसर शरिया कालेज कतर विश्वविद्यालय, विशिष्ट अतिथि डा.हसन येशु प्रोफेसर शरिया कालेज कतर विश्वविद्यालय एवं मौलाना शकील अहमद आजमी चेयरमैन इब्न हसीन इस्लामिक स्कूल बहरीन रहे। कार्यक्रम की शुरूआत जेयाद अहमद के तिलावत ए कलाम ए पाक से हुई। स्वागत भाषण सेमीनार के संयोजक डा. मोहियुद्दीन आजाद इस्लाही ने पेश किया। विषय परिवर्तन करते हुए शिब्ली एकेडमी के निदेशक प्रोफेसर इश्तेयाक अहमद जिल्ली ने कहा कि अल्लामा हमीदुद्दीन फराही ऐसे महान व्यक्तित्व के मालिक थे कि शब्द भी साथ छोड़ देते हैं। विशिस्ट अतिथी मौलाना शकील अहमद आजमी बहरीन ने अपने उद्बोधन में कहा कि मौलाना फराही ने अगर एक पृष्ठ भी लिख दिया तो उस पर एक पूरी पुस्तक लिखी जा सकती है। दूसरे विशिस्ट अतिथि डा.हसन येशु कतर विश्वविद्यालय ने कहा कि मौलाना फराही एक ऐसे समुन्दर हैं जिस का कोई किनारा नहीं है। मुख्य अतिथि डा.मो.इकबाल कालेज कतर विश्वविद्यालय ने कहा कि मौलाना फराही आज भी पहले मुकाम पर फायज स्थापित हैं। जो फराही ने मीरास छोड़ी है उसे हम लोगों को खास कर आजमगढ़ के लोगों को आगे बढ़ाने का निश्चय लेना चाहिए। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रोफेसर अल्ताफ अहमद आजमी ने कहा कि मौलाना फराही ने अपने ज्ञान का विषय अल्लाह की किताब कुरआन को बनाया, फराही कुरआन के विशेषज्ञ होने के साथ .साथ पौराणिक एवं आधुनिक ज्ञान के पुरोधा थे। मौलाना फराही ने अरस्तु की कई गलतियों को उजागर करते हुए उसकी मंतिक को गलत साबित करते हुए कुरआन की रोशनी में उसका विकल्प भी दिया है। उन्होने अपना ध्यान यूनानी दर्शन की तरफ भी आकर्षित किया है। फराही का मानना था कि जो व्यक्ती मंतिक नहीं जानता वह ज्ञान से काम नहीं ले सकता। उन्होंने मौलाना फराही की तुलना यूनान के प्रसिद्ध दार्शनिक अरस्तु से किया और बहुत से छुपे हुए पहलुओं को उजागर किया। मौलाना फराही आधुनिक युग की विद्या के ज्ञाता थे, हम लोग फराही तो नहीं बन सकते लेकिन हम लोगों को चिंतन मनन करना चाहिए। धन्यवाद ज्ञापन कालेज के प्राचार्य डा.गयास असद खां ने देते हुए अतिथियों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सेमीनार के मिडिया प्रभारी डा. शफीउज्जमां एवं डा.शबाबुद्दीन,डा.वसीउद्दीन एडोकेट,मो.नोमान चार्टर्ड अकाउंटेंट,मो.असलम,फिरोज तलत,डा.शौकत अली,डा.कमर इकबाल,डा.जावेद अली,अब्दुल माबूद,मौलाना ताहिर मदनी,डा.ज्ञान प्रकाश दूबे आदि एवं शहर के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। उद्धघाटन सत्र का सफल संचालन इतिहास विभाग के अध्यक्ष डा.अलाउद्दीन खां ने किया। इस मौके पर सेमीनार के सह.संयोजक डॉ.नाजिश एहतेशाम आजमी का योगदान सराहनीय रहा।

Share on Google Plus

रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

आजमगढ़ लाइव-जीवंत खबरों का आइना ... आजमगढ़ , मऊ , बलिया की ताज़ा ख़बरें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment