आजमगढ़ :: मुसलमानों के चौथे खलीफ़ा व शिया समुदाय के पहले इमाम हजरत अली का जन्म दिवस कसबा सरायमीर व ग्रामीण क्षेत्रों मे धूम धाम से मनाया गया। इस मौके पर मस्जिदों व इमामबाड़ो मे महफिल व नज़र नियाज़ का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। सरायमीर क्षेत्र के ग्राम बेहलहरी इमाम अली में जश्न मौलूदे काबा का आयोजन किया गया, जिसका शुभारम्भ तिलावते कलाम पाक से हुआ। अध्यक्षीय तकरीर को खिताब करते हुए मौलाना सैयद आबिद रज़ा मोहम्मदाबादी ने कहा कि हजरत अली का जन्म मुसलमानों के पवित्र स्थल काबा मे हुआ। इस्लाम का खलीफ़ा बनने के बाद भी आप ने हमेशा सादगी भरी जिन्दगी को अपनाया और गरीबों यतीमो की रात के अँधेरे मे मदद करते रहे। आप ने कभी सरकारी पैसों का इस्तेमाल नहीं किया और अपनी मेहनत की कमाई से गुजारा करते रहे। गुलामो के साथ आप ने ऐसा व्यवहार किया कि उन्होंने गुलामी को आजादी बताया। जश्न मे जफर नसीराबादी, मशहद जलालपूरी, दिलावर आमेठवी, नासिर आजमी, सलीम बनारसी, सादिक जलालपूरी, शमस तबरेज झारखंड , अजीज आजमी, आरजू जलालपूरी ने अपने काव्य पाठ से खूब वाह वाही लूटी। जश्न का संचालन नजीब इलाहाबादी ने किया आयोजक सययद अली हैदर जैदी ने सभी का अभार प्रकट किया इसके मौके पर शिया कमेटी के अध्यक्ष कायम रज़ा व प्रवक्ता मोहम्मद हुसैन रज़ा अब्बास असकरी अब्बास के अलावा क्षेत्र के अधिक संख्या मे लोग उपस्थित थे।
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