आजमगढ़:: राजगुरू, सुखदेव, सरदार भगत सिंह को अंग्रेजी सरकार द्वारा फांसी की बलिबेदी पर चढ़ा दिये जाने वाले मां भारती के अमर वीर सपूतों का 87वां शहादत दिवस सामाजिक संगठन प्रयास द्वारा सिंहासिनी वाटिका में एक शाम शहीदों के नाम के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम के दौरान पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरायमीर के बच्चों ने फांसी के दौरान भगत सिंह व अंग्रेजी सरकार के नुमाइंदों के साथ हुई आखिरी बातचीत की मार्मिक प्रस्तुति कर लोगों को भाव विभोर कर दिया। इस दौरान डा विरेन्द्र पाठक ने कहाकि गरीबीं, अशिक्षा, भ्रष्टाचार, भूख और वंचना की गुलामी से समाज को मुक्त करने की प्रेरणा भगत सिंह की शहादत हमें सदैव सिखाती रहेगी। मां भारती को बेड़ियों से मुक्त कराने का सपना जो हमारे अमर शहीदों ने देखा उसे शहीदें आजम भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव ने अपनी शहादत देकर पूरा किया। अमर शहीदों की प्रेरणा अंग्रेजी शासन की ताबूत में निर्णायक कील ठोंकने का काम किया। जिसका परिणाम रहा कि 16 वर्षों के उपरान्त ही अंग्रेजों को भारत छोड़कर भागना पड़ा। कार्यक्रम के उपरान्त शहीदों की 87 जयंती पर भोज का आयेजन किया गया जिसमें सामाजिक सरोकार से लगाये सैकड़ों लोग शामिल हुये। इस अवसर पर रणजीत सिंह, इंजी सुनील यादव, शम्भू दयाल सोनकर, राजीव शर्मा, डा हरगोविन्द, अतुल श्रीवास्तव, सुषमा श्रीवास्तव, जगदीश िंसंह, प्रेमानन्द पटेल, जगदीश पाल, नित्यानन्द यादव, सीपी मौर्य, मिथलेश कुमार, हरिश्चन्द्र, भोलू दूबे, रामजन्म मौर्य, नीलम सिंह, डा डीडी सिंह, विनीत सिंह रिशू, मिथलेश कुमार, यशवन्त सिंह आदि लोग मौजूद रहे।
Blogger Comment
Facebook Comment