आजमगढ़ 16 मार्च 2018 -- जिलाधिकारी चन्द्रभूषण सिंह ने वादों का निस्तारण प्रमुखता के आधार पर करने तथा राजस्व वसूली लक्ष्य के सापेक्ष शत्-प्रतिशत करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये तथा यह भी निर्देश दिये कि 5 एकड़ या उससे अधिक जमीनें भू-माफियाओं से खाली करायी गयी है उसकी सूची उपलब्ध करायें तथा जितने मामलों अभी तक एफआईआर हुये हैं उसमे त्वरित कार्यवाही पूर्ण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जिलाधिकारी ने फसली ऋण मोचन योजना मे आॅनलाइन शिकायतों की जांच रिपोर्ट 20 मार्च तक प्रस्तुत करने के निर्देश तहसीलदारों को दिये। बताया गया कि जनपद में 10421 आॅनलाइन शिकायतें प्राप्त हुयी। जिलाधिकारी ने जन शिकायतों के निस्तारण पर विशेष बल देते हुये कहा कि निस्तारण गुणवत्ता युक्त, समयबद्ध एवं पारदर्शिता के साथ किया जायें और निस्तारण मौके पर जाकर वास्तविक स्थिति की जानकारी प्राप्त करते हुये की जाये तथा शिकायत कर्ता से संवाद भी स्थापित होना चाहिये। उन्होने भूमि विवाद के मामलों को श्रावस्ती माॅडल पर निस्तारित करने के निर्देश देते हुये कहा कि निस्तारण हेतु राजस्व/पुलिस की संयुक्त टीम की रवानगी एवं वापसी सम्बन्धित थाने से हो और इसके लिये उप जिलाधिकारी एक सेल गठित करें और निस्तारण की आख्या सूस्पष्ट प्रस्तुत की जाये, क्योंकि जन शिकायतों का त्वरित/वास्तविक निस्तारण सर्वोपरि है, शासन की प्राथमिकता है। जिलाधिकारी ने आडिट आपत्तियों, काउन्टर फाइल, शासन के संदर्भों, उच्चाधिकारियों के संदर्भाें, आइजीआरएस केे प्रकरणों आदि का निस्तारण समयबद्ध ढ़ंग से करने का निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को देते हुये प्रत्येक तहसील में प्रति माह कम-से-कम 25 फाइलों का काउन्टर फाइल दाखिल करने हेतु तहसीलदारो को निर्देश दिये। उन्होने पूर्वांचल इक्सप्रेस, मत्स्य पालन पट्टा आबंटन, ईंट भटठोें का सत्यापन तथा उसकी रायलटी जमा करने आदि की विस्तृत समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिये। उन्होने तहसीलदारोें को निर्देश दिये कि धारा 34 के मामलों का निस्तारण अगले माह तक शत्-प्रतिशत कर दें। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक सिंह, मुख्य राजस्व अधिकारी आलोक कुमार वर्मा, उप जिलाधिकारी/तहसीलदार सहित विभिन्न विभागों के सम्बन्धित अधिकारी गण उपस्थित रहे। उक्त निर्देश जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कर करेत्तर एवं विभिन्न विभागों की वसूली आदि की समीक्षा बैठक करते हुये दिये। इस अवसर उन्होने उप जिलाधिकारियों/तहसीलदारों को स्पष्ट निर्देश दिये कि चारागाह मैदान या ग्राम सभा की जमीनो पर जहां कहीं भी फसल बोई गयी हो तो सम्बन्धित लेखपाल को नीलाम अधिकारी नामित करते हुये फसल की नीलामी करा दी जाये और नीलामी से प्राप्त धनराशि को उचित लेखा शिर्षक में जमा करायें और यदि लेखपाल द्वारा इस कार्य मे अभिरूचि ली जाती है तो उसके वेतन से धनराशि रिकवरी की जायेगी।
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