आजमगढ़: नौ दिवसीय श्री सीताराम महायज्ञ का शुभारंभ शनिवार को मेंहनगर क्षेत्र के देवकली गांव स्थित श्री रामजानकी मंदिर प्रांगण से कलश यात्रा निकालकर किया गया। जिसका नेतृत्व संयोजक व यज्ञकर्ता श्री श्री 1008 श्री निर्मल दास जी महाराज ने किया। रामघाट कुटी से 151 कन्याओं ने कलश लेकर शोभा यात्रा निकाली, जो क्षेत्र के मैनीपुर, हरिपुर, भगवतपुर, गुरेहथा, खरगपुर, देवकली गांव होते हुए रामघाटकुटी स्थित यज्ञस्थल पर पहुंचकर समाप्त हुई। शोभा यात्रा में हाथी-घोड़ा, बाजा-गाजा भी शामिल रहा है, यात्रा को देख पूरे गावंवासी बेहद मंत्रमुग्ध नजर आये। यज्ञस्थल पर कलश यात्रा के पहुंचने के बाद विद्वान यज्ञाचार्य पंडित रामजी द्विवेदी के देखरेख में पूरे विधि विधान से पूजन-अर्चन शुरू किया गया। यज्ञ की आहुतियों से पूरा क्षेत्र गुजांयमान रहा। सीताराम महायज्ञ के संयोजक व यज्ञकर्ता श्री श्री 1008 श्री निर्मल दास जी महाराज जी ने बताया कि यज्ञाचार्य पंडित रामजी द्विवेदी की देखरेख में पूजन अर्चन शुरू हो गया है, इसके बाद 18 फरवरी से वाराणसी से आये पंडित राधेरमण जी द्वारा सायं छह बजे से प्रतिदिन संगीतमय श्रीराम कथा का प्रवचन किया जायेगा जो 24 फरवरी तक जारी रहेगा। 25 फरवरी को श्री रामजानकी व हनुमान जी की प्राण-प्रतिष्ठा कराकर प्रतिमा स्थापित की जायेगी। इसी दिन शाम को मंदिर प्रांगण में भंडारे का भी आयोजन किया गया है। संयोजक व यज्ञकर्ता श्री श्री 1008 श्री निर्मल दास जी महाराज ने अपील किया कि अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर महायज्ञ को सफल बनावें। कलश यात्रा में दत्तात्रेय आश्रम से आये संत रविदास जी महाराज, साहब राज सिंह, रमेश सिंह, उदयप्रकाश सिंह, जितेन्द्र सिंह, प्रधान मनोज सिंह, राजबहादुर सिंह, जयप्रकाश, उदयप्रकाश, उपेन्द्र दुबे, अमित सिंह समेत भारी संख्या में बालिकाएं, महिलाएं व पुरूष मौजूद रहे।
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