आजमगढ़ 17 फरवरी 2018 -- जिलाधिकारी चन्द्रभुषण सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर ग्रामीण निर्धन परिवारों की महिलाओं के सशक्त एवं स्थायी संस्थायें बनाकर आजीविका के अवसरों को प्राप्त करने मे समर्थ बनाते हुए गरीबी को कम करना है। उक्त बातें जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार मेें आयोजित उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिला परियोजना समन्वय समिति व आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजनान्तर्गत जनपद स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा। इस अवसर पर उन्होने कहा कि लोग अपने अनुभवों एवं क्षमताओं द्वारा स्वयं अपने आप को विकसित करते हैं। जरुरत है कि ऐसा वातावरण तैयार करना जिससे उनकी क्षमताओं एवं अनुभवों का सकारात्मक उपयोग हो सके। जिलाधिकारी ने आगेे बताया कि एन आर एल एम मिशन के रुप मे पूरे देश मे 3 जून 2011 को लागू किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य गरीबों तक पंहुचना , उन्हे रोजी रोटी के अवसर उपलब्ध कराना व गरीबी से उभरने तक उनके साथ बने रहना है। एन आर एल एम इस सिध्दान्त पर आधारित है कि गरीबोें मे अपार क्षमतायें विद्यमान हैं। यदि उन्हें उचित अवसर तथा सहारा मिल जाये तो वे गरीबी से उभर सकते हैं। उन्होंने उपायुक्त स्वतः रोजगार को निर्देश दिया कि इस हेतु सुदृढ़ जमीनी संगठन बनाये जायें तथा उन्हे लाभकारी स्व-रोजगार तथा रोजगार के अवसर उपलब्ध करायें जायें। श्री सिंह ने यह भी निर्देश दिये कि स्कूली डेªसेज की सिलाई सप्लायी का कार्य समूहों के माध्यम से कराये जाये लेकिन इस कार्य मे समूह की महिलाओं को आगे आने की आवश्यकता है। समूहों के विकास हेतु पूरा सहयोग प्रशासन द्वारा दिया जायेगा। उन्होने कहा कि कृषि उद्यान ग्रामीण स्वच्छता शिक्षा स्वरोजगार योजना आदि से समूहों का जोड़ा जाये। जिलाधिकारी ने कहा कि जिस देश/प्रदेश मे महिलायें काम कर स्वावलंबी होती है वही देश/प्रदेश विकसित होता है। उन्होने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देश दिये कि कौशल विकास मिशन मे समूहो को प्रशिक्षित कर उन्हे रोजगार उपलब्ध करायी जाए। बैठक मे मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक सिंह, पीडी देवदत्त शुक्ल, डीडीओ विजय कुमार, अपर जिला सूचना अधिकारी अंजनी कुमार मिश्र, उप कृषि निदेशक आर के मौर्य सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी गण उपस्थित रहे। बैठक का संचालन उपायुक्त स्वतः रोजगार वी के मोहन ने किया।
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