आजमगढ़: सातवें वेतनमान को लागू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षकों ने श्री दुर्गा जी स्नातकोत्तर महाविद्यालय और डीएवी महाविद्यालय में बांह में काली पट्टी बांधकर कार्य का बहिष्कार कियां। इस दौरान शिक्षकों द्वारा सराकर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी। मांग पूरी न होने पर अगले माह शुरू हो रही महाविद्यालय परीक्षा के बहिष्कार की चेतावनी दी। महाविद्यालय शिक्षक संघ जिला इकाई के अध्यक्ष डॉ प्रवेश सिंह ने कहा कि डिग्री शिक्षकों के प्रति सरकार का रवैया ठीक नहीं है। सभी विभागों के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ दे दिया गया लेकिन शिक्षकों को इससे वंचित रखा गया। प्रदेश सरकार मांगों के सम्बन्ध में अविलम्ब सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो प्रदेश के सभी डिग्री शिक्षक आंदोलन को आगे ले जाते हुये विश्वविद्यालयी परीक्षाओं का बहिष्कार भी करेंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की समस्याओं के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाया था लेकिन शिक्षा मंत्री के उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण अभी तक मांग पूरी नहीं की गई। इससे मजबूर शिक्षकों को यह कदम उठाना पड़ा है। श्री सिंह ने कहा कि छात्रों की परीक्षा को निकट देखते हुये सभी शिक्षक पठन-पाठन में पूरे मनोयोग से लगे है। शिक्षकों की मांग सही है, क्योंकि कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ मिल रहा है। इससे केवल डिग्री शिक्षकों को वंचित रखा गया है। शिक्षकों की शालीनता को सरकार कमजोरी न समझें। धरने में उपस्थित सभी शिक्षकों ने अध्यक्ष की बातों का समर्थन किया और लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने में सहयोग देने का आश्वासन दिया। पूर्वांचल विश्वविद्यालय इकाई के सहमंत्री डॉ राजीव त्रिपाठी, पूर्व प्राचार्य फूलचन्द्र सिंह, प्राचार्या मधुबाला आदि ने सरकार को हठवाधी रवैये पर रोष जताया। कर सकता है। संचालन महामंत्री डॉ अजीत प्रताप सिंह ने किया। इस मौके पर डॉ दुर्गावती, डॉ वीरेन्द्र दूबे, डॉ राजेश, डॉ विष्णु, डॉ मुकुल, डॉ आरके, डॉ अशोक, डॉ कौशल, डॉ रामजीत, डॉ सुनील, डॉ सर्वेश, डॉ हर्ष, डॉ मौर्य, डॉ अजीत प्रताप सिंह आदि मौजूद थे।
वहीँ धरने में डीएवी पीजी कालेज शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ.सुभाष चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि यदि सरकार ने हमारी उचित मांगे शीघ्र नहीं पूरी की तो आंदोलन का दायरा और विस्तृत होगा। सरकार को जनविरोधी नीतियां का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। महामंत्री डॉ.अरूण कुमार सिंह ने कहा कि उप्र सरकार ने अपने तत्कालीन बजट में उच्च शिक्षा के शिक्षकों की लंबित मांगों व सातवें वेतन आयोग पर कोई ध्यान नहीं दिया। शिक्षकों की उपेक्षा सरकार को भारी पड़ेगा। डॉ.प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव ने पेंशन नीति पर सरकार की आलोचना करते हुए शीघ्र पुरानी पेंशन नीति बहाल करने की मांग की। डॉ.बद्रीनाथ ने उच्च शिक्षा के प्रति केन्द्र व प्रांतीय सरकार की नीतियों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उसमें प्रासंगिक सुधार की मांग की। इस मौके पर डॉ.रामसुंदर सिंह, डॉ.गीता सिंह, डॉ.अनिल कुमार श्रीवास्तव, डॉ.सौम्य सेन गुप्ता, डॉ.राकेश यादव, डॉ.जगदंबा प्रसाद दूबे, डॉ.शिल्पा त्रिपाठी, विपिन अस्थाना, डॉ.आरपी सिंह, डॉ.सुजीत कुमार श्रीवास्तव, पंकज सिंह, डॉ.विजय कुमार, डॉ.संत कुमार यादव आदि मौजूद रहे।
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