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मुसहर समाज की समस्याओं को शासन तक पहुंचाने को धरना,पुलिस ने लाउडस्पीकर उठाया

आजमगढ़: मुसहर समाज की समस्याओं को शासन तक पहुंचाने के लिए भारतीय आदिवासी महासभा द्वारा शुक्रवार को अम्बेडकर पार्क (मेहता पार्क) में धरना दिया गया। धरने की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष बलदेव व संचालन एसके निराला ने किया। महासभा के लालबहादुर त्यागी ने बताया कि धरना हेतु लिखित आवेदन हुआ था जिसके प्रक्रिया के तहत एसपी सिटी की रिपोर्ट भी लग चुकी थी सुबह जब हम अनुमति पत्र लेने गये तो एसडीएम स्टोनों ने कहा कि जाइये आप लोग धरना दीजिये अनुमति पत्र थोड़ी देर में ले जाईयेगा। हम धरना शुरू किये तो कोतवाली पुलिस धरनास्थल पर पहुंचकर ध्वनि विस्तारक यंत्र उठा ले गये। श्री त्यागी ने बताया कि जब एसडीएम के स्टोनों से बात की गयी तो उन्होंने डीएम का हवाला देते हुए कहा कि धरने के लिए अब किसी को अनुमति नहीं दिया जायेगा। इसके बाद बगैर ध्वनि विस्तारक यंत्र के धरना सम्पन्न हुआ।
धरने को सम्बोधित करते हुए भारतीय आदिवासी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार आदिवंशी ने कहाकि 95 फीसदी आदिवासी मुसहर समाज के लोग तालाब-भीटा, वृक्षारोपण, खलिहान, विद्यालय भूमि, चारागाह, पीडब्ल्यूडी, रेलवे आदि 132 लैंड की आरक्षित भूमि एवं अन्य किसी के भूमिधरी चक में सदियों से बसे पड़े है। तहसील एवं जिला प्रशासन को सैकड़ों मांग पत्र मुसहर समाज को आवासीय पट्टा दिये जाने सम्बन्धित दिये गये। लेकिन आज तक निरीह, भूमिहीन मुसहरों को स्थाई रूप से प्रशासन अब तक बसाने में नाकाम रहा है। वर्ष 2006 में रेवेन्यू बोर्ड द्वारा आदेशित है कि एससी-एसटी के लोगों के पास यदि जमीन न हो तो उन्हे 132 लैण्ड की भूमि से हटाने जाने से पूर्व आवासीय भूमि पट्टा कर उस पर मकान बनाकर स्थायी रूप से प्रशासन द्वारा बसाने के बाद ही उक्त सरकारी लैंड की भूमि से हटाया जाय। कहा कि मुसहर समाज को बगैर पुर्नवासित किये उजाड़े जाने का तांडव प्रशासन नहीं रोका तो मुसहर समाज प्रशासन को न्याय पालिका के कटघरे में लाने को मजबूर होगा।
जिलाध्यक्ष बलदेव आदिवासी ने कहा कि मुसहर समाज पूरे प्रदेश में रोटी, कपड़ा, मकान के लिए तरस रहा है। शासन की एक भी योजनाएं इनके जीवन को संवार नहीं सकी। आजादी के 70 साल बाद भी मुसहर समाज देश का मूल निवासी होते हुए भी स्थायी रूप से बस नहीं पाया है। आज भी बहुतेरे मुसहर परिवारों का नाम ग्राम पंचायत के कुटुम्ब रजिस्टरों और वोटर लिस्टों में दर्ज नहीं है जो दुभाग्यपूर्ण है। चकबंदी विभाग ने चकबन्दी के दौरान मुसहर बस्तियों में आने जाने हेतु सम्पर्क मार्ग, मुसहर आरक्षित आबादी तक मुहैया नहीं कराया है बल्कि मुसहर बस्तियों में भूमिधरी दबंग कास्तकारों का चक प्रविष्ट कर दिया है। इससे घोर अन्याय और क्या हो सकता है। फिर भी शासन प्रशासन में बैठे अधिकारी कर्मचारी मुसहर समाज के उत्थान के लिए कार्य नहीं कर रहे है। मुसहर समाज अब अपना उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेगा। धरने को भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा, बहुजन मुक्ति पार्टी ने भी अपना समर्थन किया।
धरने में लक्षिराम मंडल अध्यक्ष वाराणसी, इन्द्रसेन कुमार, सुरेन्द्र प्रताप महासचिव, श्रीमती सुनिता देवी, रामबुझारत, जिलाध्यक्ष जौनपुर रामप्रसाद, विजय कुमार प्रदेश अध्यक्ष, बीएमपी के प्रदेश सचिव लालबहादुर त्यागी, मंडल अध्यक्ष बीएमपी निर्मल यादव, दुर्ग विजय यादव जिलाध्यक्ष बीएमपी आजमगढ़, शिवचरन चौहान, मुकेश कुमार, अच्छेलाल विश्वकर्मा, जंगलीदास एकलव्य, तिलकधारी, संतोष सोनी देवी, गुलाबी देवी मौजूद रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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