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तहखाना ::मान का ‘मान’ बचाने रण में उतरे कप्तान

तहखाने से पत्रकार राजेश चंद्र मिश्रा की विशेष रिपोर्ट 

आजमगढ़: सोमवार की देर रात जेल पुलिस के सिपाही मान सिंह पर हुए कातिलाना हमले के बाद कप्तान अजय कुमार साहनी की आँखों से नींद गायब है। अस्पताल में घायल सिपाही को देखने के दौरान और मीडिया से बात चीत के दरम्यान भी एक साथ कई भाव सुपर काॅप कप्तान के चेहरे पर आ जा रहे थे। जेल की आंतरिक व्यवस्था से पहले से ही खफा कप्तान ने सोमवार की रात जेल में बिताया। सूत्र बताते है कि सेामवार की रात को कप्तान अजय सहानी अपने पूरे दल-बल के साथ जेल पहुंचे और वहां पर पुलिसिया अंदाज में जेल के मठाधीश बनने वालों की खातिरदारी के साथ पूछताछ हुई।
सूत्रों के अनुसार फोर्स पर हुए हमले से व्यथित कप्तान अजय साहनी अस्पताल के बाद सीधे धटनास्थल पर पहुंचे जो की जेल के सामने था। इसके बाद कप्तान का लाव-लश्कर जेल में दाखिल हुआ और जेल के अंदर के तथा कथित सभी डाॅन लोगों को टर्नअप कराया गया। कप्तान खुद इस पूरी पूछताछ प्रक्रिया की कमान संभाले हुए थे। जेल के सूत्र बताते है कि खातिरदारी के साथ शुरु हुई ये प्रक्रिया मंगलवार की भोर तक चली। बताते है कि इस कठिन प्रक्रिया में जेल के कई शेर ढेर हो गये जिनका चाहरदीवारी के अंदर ही देखभाल हो रहा है। गौरतलब हो कि मंगलवार को नये डीजीपी ने प्रदेश में कार्यभार ग्रहण किया और उसकी पहली रात को सीधे फोर्स पर हमला हो गया । कप्तान अजय साहनी ने इसे अपनी साख पर सवाल बना लिया है। सेामवार की रात को बातचीत के क्रम में कप्तान ने कहा भी था कि अब पुलिस जो करेगी वो भी नजीर ही होगा। मंगलवार को भी पुलिस जेल से लेकर पेशी तक अपना जाल बिछा कर बैठी रही। पुलिस के सूत्रो के अनुसार मंगलवार को परेड से लौटने के बाद कप्तान ने अपने आवास से काम पर लगी सभी टीमो से अपडेट लिया और सभी को रिपोर्टिंग के लिये तलब किया है। बताते है कि किसी भी समय कप्तान का अमला जेल में धमक सकता है। वैसे पुलिस भी पूरे मामले की छानबीन जेल को ही केंद्र में मान कर चल रही है। पुलिस का भी मानना है कि जेल की अंदरुनी लड़ाई के कारण मान सिंह पर हमला हुआ है। मान सिंह की जेल में छवि जैसी भी हो लेकिन कप्तान ने इस पूरे मसले को अपनी नाक का सवाल बना लिया है। दरअसल दोस्तो के दोस्त वाली छवि के कप्तान अजय साहनी जैसे अपने दोस्तो के लिये कुछ कर गुजरने से नहीं चूकते वैसे ही वो फोर्स को भी अपनी जान मानते है। वैसे जेल के सूत्रो का कहना है कि जेल पुलिस का घायल सिपाही बार-बार अपना बयान बदल रहा है जिससे की कप्तान खुश नहीं है।
काम पर लगी 3 टीम, कप्तान कर रहे अगुवाई
जेल के सिपाही पर हुए इस हमले के खुलासे को लेकर कप्तान ने 3 टीम बनाई है। सीओ सीटी सचिदानंद, सीओ सदर मोहम्मद अकमल खान और स्वाॅट टीम पर काम कर रही है जिसमे स्वाॅट टीम को सीधे कप्तान लीड कर रहे है। पुलिस की एक टेक्निकल टीम मोबाइल की तरंगों को भी खंगालने में जुटी है। घटना के वक्त मौके पर मौजूद और एक्टिव सेलफोन को देखा जा रहा है कि किसकी, किससे और कितनी देर बात हुई है। साथ एक्टिव नंबरों का वक्त कितना था और क्या वो घटना के बाद भी एक्टिव थे ?

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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