आजमगढ़ : जनपद में चिकित्सीय क्षेत्र में नित नए आयाम स्थापित कर रहे प्रख्यात न्यूरो सर्जन डॉ0 अनूप सिंह ने अत्याधुनिक नर्व मॉनिटरिंग तकनीक का इस्तेमाल कर एक बार फिर जनपद को अत्याधुनिक चिकित्सा क्षेत्र में आगे कर दिया। शुक्रवार को लाइफ लाइन हॉस्पिटल के सभागार में इस जटिल ऑपरेशन और इसकी सफलता की विस्तृत जानकारी मीडिया को दी गयी। 45 साल की शाहिदा बानो पिछले 12 साल से चलने-फिरने में असमर्थ थी उनके पैर पूरी तरह से सुन्न हो चुके थे और वजन लगातार बढ़ रहा था, कई जगहों से वापस लौटने के बाद जब घर वालों ने शाहिदा को लाकर लाइफ लाइन हॉस्पिटल में प्रख्यात न्यूरो सर्जन डॉक्टर अनूप सिंह को दिखाया। यहाँ जांच में यह पता चला कि शाहिदा के गर्दन के नीचे और रीढ़ की हड्डी में पीठ की जगह पर स्पाइनल कार्ड के अंदर एक ट्यूमर था जिसका इलाज केवल ऑपरेशन था। लेकिन इस ऑपरेशन के दौरान सबसे बड़ा खतरा यह था कि किसी भी नस या नर्व से छेड़छाड़ होने पर शाहिदा के पैर पूरी तरह से लकवाग्रस्त हो सकते थे और मल-मूत्र का नियंत्रण खत्म हो सकता था। लाइफ लाइन हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जिकल चिकित्सकों की टीम ने यह ऑपरेशन करने का निर्णय लिया और ऑपरेशन के दौरान खतरों को देखते हुए ऑपरेशन को सुरक्षित बनाने के लिए आज की तारीख में सबसे नवीनतम तकनीकी 'नर्व मानिटरिंग' की सहायता ली। इस तकनीकी के द्वारा ऑपरेशन के दौरान ट्यूमर एवं नस के अंतर को समझना आसान होता है, जिससे सामान्य नसों को बिना नुकसान पहुंचाए ट्यूमर को नसों की बीच में से निकालना आसान हो जाता है। 10 घंटे तक चले इस जटिल ऑपरेशन के बाद चौथे दिन शाहिदा का बायां पैर अब सामान्य हो चुका है और दाहिने पैर में भी ताकत लौटने लगी है। सामान्य खर्च में हुए शाहिदा के सुरक्षित ऑपरेशन के बाद लाइफ लाइन हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जिकल टीम ने एक दूसरे को बधाई दी। शुक्रवार को प्रेस वार्ता के दौरान टीम के प्रमुखन्यूरो सर्जन डॉक्टर अनूप सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इस तकनीकी के माध्यम से इस तरह का ऑपरेशन अपने आप में पहला है। इसके साथ ही वह लगातार इस प्रयास में लगे हुए हैं कि जनपद में और भी नवीनतम मशीन और तकनीक उनके द्वारा लाई जा सके जिससे मरीजों को सफल और सुरक्षित उपचार मिल सके।
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