आजमगढ़। काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के पूर्व अध्यस डॉ. हरिहर कृपालु त्रिपाठी ने सोमवार को कुरहंस आश्रम पर एकत्र श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश एक ऐसे चौराहे पर खड़ा है कि जहाँ जनमानस दिग्भ्रमित है, उसे मार्ग नहीं सूझ रहा है की उसे जाना किधर है। उन्होंने कहा जनमानस एक सरकार से असंतुष्ट होता है तो कुछ उम्मीद लिए दूसरी पार्टी की ओर भागता है, लोग दलदल में फंसे हुए है। उन्होंने कष्ट व्यक्त करते हुए कहा संवैधानिक और उच्च पदों पर बैठे हुए लोग आम जनता की बुनियादी परेशानियों को या तो जानते नहीं और जानते हैं तो उसके निराकरण कि चिन्ता नहीं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा अनेक महत्वपूर्ण विभागों में अनगिनत पद रिक्त है। शिक्षकों की कमी है यहाँ तक कि चपरासी भी वछिंत संख्या में नहीं है। अवकाश प्राप्त लोगों को लगाया जा रहा है। यह सब मानसिक दिवालियापन नहीं तो क्या है। आउट सोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारी लिए जा रहे है। स्पष्ट दिखता है कि देश में योग्य नेतृत्व का संकट खड़ा है। उन्होंने कहा कृषि उद्योग के मामले में दुनियाँ कहाँ से कहाँ पहुँच गयी पर हमें अनाज और दुसरे सामानों का आयात करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा देश में न तो मेहनत करने वालों की कमी है न ही शिक्षित योग्य युवकों की। कमी केवल नेतृत्व और प्रशासन में शीर्ष पर बैठे लोगों की है। जो सुविधा भोग की लालसा पाले बैठे हैं। उन्होंने कहा देश स्वामी विवेकानन्द जैसे मनीषी और साबरमती के संत महात्मा गाँधी के सिद्धांतो पर चलना है, जिनके सक्षम किसी देश में कोई महापुरूष नहीं पैदा हुआ, लेकिन स्वार्थी तत्व देश को चर रहें हैं।
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