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सभी सीएचसी/पीएचसी पर दवाओं, चिकित्सको व कर्मियों की समुचित व्यवस्था करें -स्वास्थ्य मंत्री






आजमगढ़ 20 जनवरी 2018 -- प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मण्डल के सभी सीएमओ को निर्देश दिए है कि वे चिकित्सकीय व्यवस्था बेहतर बनाए रखे तथा सभी सीएचसी/पीएचसी पर दवाओं, चिकित्सको , स्वास्थ्य कर्मियों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें । कोई भी सीएचसी/पीएचसी चिकित्सक विहीन नही होने चाहिए तथा चिकित्सक अपने तैनाती स्थल पर ही निवास करें। इसके साथ ही उन्होेने कहा कि बाहर की दवाईयां न लिखी जाय तथा न ही सरकारी डाक्टर प्राइवेट प्रेक्टिस करें। उन्होने कहा कि चिकित्सालय परिसर के अन्दर प्राइवेट मेडिसिन की दुकान नही रहनी चाहिए। उन्होने सीतापुर नेत्र चिकित्सालय को चालू करने के भी निर्देश दिए।
उक्त निर्देश स्वास्थ्य मंत्री ने सर्किट हाउस में आजमगढ़ मण्डल के मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिक्षकों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक करते हुए दिए। इस अवसर पर उन्होने जनपदवार स्वास्थ्य सेवओं की प्रगति की जानकारी प्राप्त की तथा बलिया जनपद के चिकित्सकीय व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि चिकित्सकीय व्यवस्था बेहतर होनी चाहिए, अगर कही कमी हो तो उसे सुधारा जाय। चिकित्सक का पेशा बड़ा ही नोबल होता है। उन्होने मण्डल के सभी चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सिस्टम के अनुरूप कार्य करे और अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा एवं लगन तथा ईमानदारी के साथ पूर्ण करें तथा किसी के दबाव में कार्य न करें। कार्य सही करे वर्ना गलती पाये जाने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही की जायेगी।
इस अवसर पर उन्होने कहा कि सभी को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी जाय जहां पर चिकित्सक की कमी हो वहां चिकित्सों की रोस्टर के माध्यम से तैनाती की जाय। उन्होने बताया कि वर्ष 2018 तक टेली कन्सल्टेन्सी/टेली मेडिसीन के माध्यम से गांव के अन्तिम व्यक्ति तक चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। तथा अस्पतालों को अपडेट करने की कार्यवाही की जा रही है। अर्बन ई पीएचसी को विकसित किया जा रहा है। दूर दराज के पीएचसी पर टेक्नीशियन मशीन लेकर पहुंचेगा। उन्होने बताया कि 12 मिनट में 22 टेस्ट होगा। उन्होने यह भी बताया कि शीघ्र ही यूपी हेल्थ पालिसी लायी जायेगी।
स्वास्थ्य ने समीक्षा के दौरान पाया कि बलिया में वैक्सीनेशन प्रोगाम में 58 प्रतिशत की प्रगति है जो बहुत ही कम है। उन्होने इसमें लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति लाने के निर्देश देते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारी/कर्मचारी दण्ड के भागी होगें। मऊ में बताया गया कि एईएस के 3 तथा डेंगू के 2 केस निकले थे जिसका इलाज कराया गया। इसी प्रकार आजमगढ़ में पूरे साल में एईएस का 1 केस बताया गया जिसे गोरखपुर भेजकर ठीक करा दिया गया है। मंत्री श्री सिंह ने सभी सीएमओं को निर्देश दिए कि जननी सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थियों का भुगतान समय से कर दे तथा ओपीडी में बढ़ोत्तरी की जाय। उन्होने बताया कि नई पालिसी के तहत ईमरजेन्सी वार्ड में ही ट्रामा सेन्टर स्थापित की जायेगी।
बैठक से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंह ने जिला चिकित्सालय आजमगढ़ के सभी वार्डो का सघन निरीक्षण किया तथा मरीजों से मिल कर उनकी कुशल-क्षेम पूछी और दवाओं की उपलब्धता तथा चिकित्सकीय व्यवस्था तथा साफ-सफाई आदि की जानकारी प्राप्त की। उन्होने निर्देश दिए कि मरिजों के ईलाज में किसी तरह की असुविधा नही होनी चाहिए।
बैठक में सांसद नीलम सोनकर, संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य, मण्डल के सभी सीएमओ, एसआईसी एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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