आजमगढ़ : सठियांव ब्लाक की ग्राम पंचायत गूजरपार जो की लगभग सात हजार की मिली जुली आबादी है। उस गांव में आज भी मूलभूत सुविधाओं का टोटा है। विकास तो अब भी इस गांव से कोसों दूर है। ग्रामीण वर्षो से विकास की आस लगाए हुए थे। शुक्रवार को उनके सब्र का बांध टूट गया और क्षुब्ध होकर गांव में धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान शासन-प्रशासन का ध्यान गांव की बदहाली की ओर खींचने का प्रयास किया। सठियांव ब्लाक के तहत मुबारकपुर-जीयनपुर मुख्य मार्ग पर टौंस नदी के तट पर आबाद ग्राम पंचायत गूजरपार विकास को तरस रही है। इसकी आबादी लगभग सात हजार बताई जाती है। ग्रामीणों ने दशकों सब्र से काम लिया और गांव के विकास की आस लगाए रहे। गांव में कई ग्राम प्रधान निर्वाचित होते रहे लेकिन किसी ने भी गांव के विकास को तरजीह नहीं दी। नतीजन आज गांव में जगह-जगह टूटी और खुली नालियां गंदगी से बजबजा रही हैं। गांव के अधिकतर गली रास्ते कच्चे हैं। एकाध रास्ते बने भी हैं तो वह भी अपनी दयनीय स्थिति पर आंसू बहा रहे हैं। साफ सफाई की भी हालत खराब है। ग्रामीण कौशिल्या देवी, रामराजी देवी, रजनी, श्यामदेइया, देवनाथ, पंकज, अनिकेत, रामू, सुनील, राहुल, छोटे लाल, गुलाब, राबिन मौर्या, मनोज, जय¨सह आदि ने बताया कि ग्राम प्रधान से बार बार कहने के बावजूद नालियों की मरम्मत और उस पर पटिया रखने का काम नहीं करवाया जा रहा है। वर्षों से खुली और टूटी नालियां दुर्घटना और गंदगी का पर्याय बनी हुई हैं। ट्रैक्टर ट्राली अथवा वाहनों के गुजरने में काफी परेशानी होती है। बरसात के दिनों में रास्ते पर फिसलन होने के कारण स्थिति और भी खराब हो जाती है। ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए समस्या के निस्तारण की मांग की है।
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