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हमारी तहजीब व संस्कृति लोप होती जा रही है-लिलिपुट




आजमगढ़ : वर्तमान समय में हम कहां रह रहे हैं, यह किसी को पता नहीं है। हर कोई ऊहापोह में पड़ा हुआ है। ऐसा लग रहा है कि हम मिक्स कल्चर में जी रहे हैं। हर तरफ हमारी तहजीब व संस्कृति का लोप होता जा रहा है। यह सोचनीय विषय है। इस पर पूरे देशवासियों को मनन करने की जरूरत है। यह बातें शहर के मड़या स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बॉलीवुड हास्य अभिनेता लिलिपुट फारुकी ने कही। वह वेस्ली कालेज में आयोजित हुनर रंग महोत्सव में शामिल होने आएं थे।
श्री फारुकी ने कहा कि मैं पहली बार आजमगढ़ में आया हूं लेकिन यहां के बारे में जितनी भी भ्रांतियां थी वह दूर हो गई। यहां के लोग बहुत ही अच्छे हैं। यहां का माहौल भी अलग तरह का है। आजमगढ़ ही अपने आप में बड़ा नाम है। आजमगढ अजीम शब्द से मिलकर बना है। अजीम बड़े लोग होते हैं। बड़ा वह होता है जिसकी सोच बड़ी होती है और इंसानियत से जुड़ी होती है। पैसे व ताकत वाले बड़े नहीं होते हैं। बड़ा वह होता है जिसके दिल में इंसानियत व मासूमियत हो। यहां के लोग भाईचारगी के साथ रह रहे हैं। यह बड़ी अनोखी बात है। यहां कहीं भी आतंक नहीं दिख रहा है। इसे आतंक की नर्सरी कहना पूरी तरह से गलत है। आज फिल्मों में परोसी जा रही अश्लीलता पर फारुकी ने कहा कि पहले फिल्मों में अश्लीलता नहीं थी बल्कि मजाक के रूप में लोग इसे लेते थे। आज तो अश्लीलता का पूरी तरह से मजाक उड़ाया जा रहा है। अश्लीलता के नाम पर लोगों की सोच ही बदल गई है। यह बहुत दु:ख की बात है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे हमारी कमजोरी है। आज हमारी पीढ़ी साहित्य को पढ़ना छोड़ दी है। अंग्रेजी में साहित्य को पढ़ा जा रहा है। यह नावेल के नाम पर बिक रही है लेकिन हिंदी में बच्चों को समझ में नहीं आती है। गीता व कुरान अंग्रेजी में सबको समझ में आ जाती है लेकिन अन्य भाषाओं में इसे लोग कम ही पढ़ पा रहे हैं। ऐसे में हम अपनी तहजीब खोते जा रहे हैं। इस पर विचार करने की जरूरत है। इस अवसर पर रंगकर्मी सुनील दत्त विश्वकर्मा सहित अन्य रंगकर्मी उपस्थित थे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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