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नवयुवकों को स्वरोजगार की प्रेरणा हेतु कालेजों में आयोजित हो कार्यशालाएं : मण्डलायुक्त

आज़मगढ़ 30 दिसम्बर -- मण्डलायुक्त के.रविन्द्र नायक ने मण्डलीय उद्योग बन्धु की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा है कि नवयुवकों में स्वरोजगार के प्रति जागरुकता पैदा करने के लिए कालेजों में लगातार कार्यशालाओं का आयोजन किया जाना अति आवश्यक है। मण्डलायुक्त ने अपने कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित उक्त बैठक में संयुक्त आयुक्त उद्योग तथा अग्रणी बैंक प्रबन्धकों को निर्देश दिया कि कार्यशालाओं के आयोजन की रूपरेखा तथा उसका माड्यूल तत्काल तैयार कर एक सप्ताह के अन्दर प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि इन कार्यशालाओं का मकसद नवयुवकों को निराशा से बचाकर स्वरोजगार के प्रति जागरूक करना तथा उनका कैरियर बनाने के लिए मार्ग प्रशस्त करना है। उन्होंने स्वरोजगार से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश किया कि शासन द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी के साथ ही उसमें की जाने वाली फण्डिंग और अनुदान आदि की विस्तृत रूपरेखा तैयार कर प्रभावी तरीके से कार्यशालाओं के माध्यम से जानकारी दें। मण्डलायुक्त द्वारा, उद्योगों के लिए बैंकों को निर्धारित लक्ष्य तथा उसके सापेक्ष हुई लोनिंग आदि के बारे में जानकारी करने पर अवगत कराया गया कि चालू वित्तीय वर्ष हेतु कुल लक्ष्य 260 निर्धारित है जिसके सापेक्ष कुल 542 आवेदन प्राप्त हुए। प्राप्त आवेदन पत्रों में 121 आवेदन पत्र स्वीकृत हो चुके है, जबकि 52 लोगों में 184.02 लाख की धनराशि वितरित की गयी है। उन्होने उपलब्धि कम मिलने पर असन्तोष व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक उद्योग स्थापना हेतु निर्धारित लक्ष्य की शत प्रतिशत पूर्ति करना सुनिश्चित करें। मण्डलायुक्त श्री नायक ने तीनों जनपद के एलडीएम को निर्देशित किया कि एनुअल क्रेडिट प्लान के तहत इस मण्डल के लिए उद्योग में जो धनराशि निर्धारित की गयी है उसका पूर्ण विवरण दो दिन के अन्दर उपलबध करायें। मण्डलायुक्त ने कहा कि उद्योग स्थापना बेरोजगारी कम करने की दिशा में अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य है, इसलिए बैंक स्तर पर फण्डिंग हेतु किसी भी लाभार्थी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
मण्डलायुक्त के.रविन्द्र नायक ने औद्योगिक आस्थान आज़मगढ़ हेतु आरक्षित ट्रांसफार्मर से घरेलू विद्युत कनेक्शन दिये जाने सम्बन्धी प्रकरण गंभीर रुख अपनाते हुए विद्युत विभाग के मुख्य अभियन्ता को निर्देशित किया कि तत्काल जाॅंच करा लें, यदि घरेलू कनेक्शन जोड़े गये हैं तो उसे हटाकर उसकी अलग व्यवस्था करें। इसी प्रकार औद्योगिक क्षेत्र मऊ में मेसर्स बर्नवाल इण्डस्ट्री के प्लाट निरस्तीकरण के उपरान्त प्लाट बहाली हेतु उप्र औद्योगिक विकास निगम द्वारा निर्धारित पुनर्जीवीकरण शुल्क की अदायगी के प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए कहा कि प्रकरण काफी पुरान है। उन्होनें सम्बन्धित इण्डस्ट्री को 15 कार्य दिवस का अवसर दिया तथा कहा कि यदि इस दौरान सम्बन्धित द्वारा रि-स्टोरेशन जार्च जमा नहीं किया जाता है तो अनुबन्ध के आधार पर प्लाट निरस्त कर दिया जाय। मण्डलायुक्त श्री नायक ने बन्द एवं रुग्ण इकाइयों को पुनः शुरू कराने के लिए उनकी समस्याओं को जानने तथा उसका समुचित समाधान करने का निर्देश दिया। औद्योगिक आस्थान मऊ के अध्यक्ष भरत कुमार ठरड द्वारा पूर्व में अवगत कराया गया था कि आस्थान में कुछ इकाइयाॅं सीमेंट, कंकरीट से दरवाजे की चैखट, डेस्क, बेंच, चैकी आदि का निर्माण करती है। इस प्रकार की इकाईयों का पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में वृक्षों को कटने से बचाने में महत्वपूर्ण योगदान है, इसलिए इन इकाईयों पर जीएसटी शून्य अथवा निम्नतम 5 प्रतिशत आरोपित कराने सम्बन्धी संस्तुति जीएसटी परिषद को भेजी जाय। मण्डलायुक्त द्वारा इसपर हुई प्रगति की अद्यतन स्थिति से अवगत कराये जाने का निर्देश दिया गया, जिसपर संयुक्त आयुक्त वाणिज्य कर द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त प्रत्यावेदन को जीएसटी परिषद को भेज दिया गया है।
इस अवसर पर पुलिस उप महानिरीक्षक विजय भूषण, प्रभारी संयुक्त आयुक्त उद्योग शिवलाल, मुख्य अभियन्ता उप्र पावर कार्पोरेशन पंकज कुमार, खादी एवं ग्रामोद्योग के मण्डलीय अधिकारी वीरेन्द्र प्रसाद, डीएलसी अनुपमा गौतम सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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