आजमगढ़; विधान परिषद सदस्य एवं शिक्षक नेता ध्रुवकुमार त्रिपाठी ने बुधवार को शिब्ली नेशनल इण्टर कालेज में आयोजित पत्रकार वार्ता करते हुए बताया कि प्रदेश के 18 हजार वित्त विहीन विद्यालयों में कार्यरत करीब 2 लाख शिक्षक गंभीर शोषण के शिकार है । वर्ष 1986 से वित्त विहीन विद्यालयों को मान्यता दी जा रही है और इनमें सेवारत शिक्षकों को समान कार्य के अनुरूप वेतन नही मिलता है जबकि सर्वोच्च न्यायालय भी इस सम्बन्ध में कार्य के अनुरूप वेतन दिये जाने स्पष्ट निर्देश जारी कर चुका है। साथ ही संविधान भी इस शोषण को निषिद्ध करता है ऐसी स्थिति में शिक्षकों के हक के लिए माध्यमिक शिक्षण संघ संघर्ष कर रहा है । संघ शोषण युक्त व्यवस्था की समाप्ति के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित कर चुका है । श्री त्रिपाठी ने नवीन पेंशन योजना को शिक्षकों के भविष्य के साथ धोखा बताते हुए कहा कि यह अनिश्चितता एवं असुरक्षा युक्त है । नवीन पेंशन योजना हटाकर पुरानी पेंशन योजना की बहाली संघ की प्राथमिकता में शामिल है। शिक्षक विधायक ने सरकारों को शिक्षा के प्रति उदासीन बताते हुए कहा कि सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में बच्चे अभावों में शिक्षा प्राप्त करने को मजबूर है । शिक्षकों के 50 प्रतिशत पद खाली है जिसे भरने की सरकार को चिन्ता नहीं है । सरकार सम्पर्ण शिक्षा व्यवस्था को बाजार के हवाली करना चाहती है । जिसे संघ बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होने शिक्षकों के खाली पदों को शीघ्र भरने की सरकार से मॉग करते हुए कहा कि संघ व्यवसायिक शिक्षकों,कम्प्यूटर शिक्षकों को स्थायी शिक्षक का दर्जा दिलाने हेतु प्रयत्नशील है । शिक्षक नेता ने सहायिक विद्यालयों के परिवारों को नि:शुल्क चिकित्सीय सुविधा तदर्थ शिक्षकों के विनियमावलीकरण विद्यालयों में छात्र-छात्राओं हेतु अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था,चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्तियों में आउट सोर्सिग व्यवस्था समाप्त करने शिक्षा विभाग कार्यालयों में व्याप्त भरस्टाचार सहित अन्य शिक्षक समस्याओं के समाधान हेतु संगठन प्रयन्तशील है । स्थानान्तरण प्रक्रिया का सरलीकरण का संघ पक्षकार है । उन्होंने शिक्षकों पर अपनी न्यायोचित माँगों को आन्दोलन के दौरान आपराधिक मुकदमें दर्ज कर उन्हें उत्पीड़ितत किया जाना अनुचित है इस दौरान आपराधिक मुकदमें दर्ज कर उन्हें उत्पीड़ित किया जाना अनुचित है । इस का दुष्यपरिणाम ठीक नहीं होगा । संघ इस कृत्य की निन्दा करता है । इस अवसर पर इन्द्रासन सिंह,कमलेश राय,विजय कुमार सिंह,दिवाकर तिवारी,ध्रुवमित्र शास्त्री मुन्नू यादव आदि अनेक शिक्षक नेता उपस्थित रहे ।
Blogger Comment
Facebook Comment