आजमगढ़: अखिल भारतीय मृतक संघ द्वारा 30 जून को अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष लालबिहारी मृतक का 23वां मृतक पुनर्जन्म दिवस मनाया जायेगा। इस दौरान संगोष्ठी आयोजित कर लोगों को भ्रष्टाचार के प्रति जागरूक किया जायेगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष लालबिहारी मृतक ने कहा कि रिश्वतखोरी ही भ्रष्टाचार की जननी है। सरकारी दफ्तरों में बगैर सुविधा शुल्क लिए कोई भी छोटी-बड़ी फाइलें एक टेबल से दूसरे टेबल पर नही जाती है। भू-राजस्व विभागों में विभिन्न प्रकार के जालबट्टा द्वारा दूसरों की जीविकोपार्जन वाली भूमि पर फर्जी नाम दर्ज कराकर न्यायिक प्रक्रिया के कानूनी मकड़ जाल में उलझा कर फंसा देते हैं, जीते जी ही व्यक्तियों को खसरा खतौनी के अभिलेखों में मृत घोषित कर जमीनों मकानों को हड़प लेते है। सरकारें आती-जाती है, रिश्वत खोरी के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही नहीं करती हैं। भ्रष्ट कर्मचारी अधिकारी अपने पदों का दूरूपयोग कर कार्यपालिका, व्यवस्थापिका, न्यायपालिका को बदनाम कर जनता के साथ विश्वासघात कर रहे हें। आज भी जीवित मृतक और धोखाधड़ी प्रकरण प्रकाश में बराबर आ रहें हैं। उन्होंने कहा कि 18 वर्षो के संघर्ष के बाद कागजों में मुर्दा से पुन जिन्दा होने के बाद उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ में 25 करोड़ रूपये का हर्जा-खर्चा मान हानि के मुकदमा की सुनवाई निरंतर चल रही हैं। उधर, प्रदेश व देश के जनप्रतिनिधि नेता मंत्री घूसखोरी और जीवित मृतक पर विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा, विधान परिषद में बोलने में असक्षम है। विधि का कार्य छोड़कर निधि में लिप्त हैं। सन् 1976 से लगभग चालीस वर्षों से अहिंसा पूर्वक विचारों की क्रान्ति अनोखे संघर्षों को चौथा स्तम्भ देश विदेश की मीडिया के गंभीरता से उठाने पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद के पारित आदेश के बाद से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली और उप्र सरकार से जांच कराकर हजारों हजार मृत घोषित मुर्दों को पुनः जीवित कराकर मानव अधिकारों की रक्षा किया गया है। उपरोक्त विषयों को लेकर संघ 23वां मृतक पुनजन्म दिवस आगामी 30 जून को मनायेगा।
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