आजमगढ़: रानी की सराय में दो चिकित्सकों की निर्मम हत्या के बाद चकमेउवां गांव में तनाव बढ़ता जा रहा है। पीडि़त पक्ष ने हत्यारोपी पक्ष के लोगों पर खुद की मड़ई फूंक फर्जी मुकदमा दर्ज कराने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। महिलाओं ने यादव बस्ती पर हमला बोल दिया। पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो उन्हें भी दौड़ा लिया। मुख्यालय से फोर्स मंगाकर किसी तरह स्थित पर नियंत्रण किया गया। वहीं एडीजी वाराणसी विश्वजीत महापात्रा ने मौके पर पहुंचकर स्थित का जायजा लिया। उन्होंने लोगों को संयम बरतने की अपील किया साथ ही पीडि़त पक्ष को आश्वस्त किया कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी। बता दें कि रानी की सराय थाना क्षेत्र के चकमेउवां गांव स्थित पोखरी के पास रविवार की रात रानी की सराय में निजी चिकित्सालय चलाने वाले सुदर्शन चौहान(45) पुत्र रामनवल तथा गांव के ही मुन्नी राम चौहान(42) पुत्र दुलचन चौहान की लाठी डंडे और राड से पीटकर हत्या कर दी गई थी। वहीं हमलावरों ने सुदर्शन के भतीजे राजीव (30) पुत्र शिवसागर को गंभीररूप से घायल कर दिया था। राजीव को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हत्या की जानकारी होते ही जिला अस्पताल और गांव में भारी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गई थी। स्थित को देखते हुए एडीजी वाराणसी विश्वजीत महापात्रा सोमवार की सुबह करीब सवा छह बजे मौके पर पहुंच गए। उनहोंने पीडि़त पक्ष के लोगों से मुलाकात कर न्याय का भरोसा दिलाया। वहीं गांव में भ्रमण कर स्थित का जायजा लिया। एडीजी ने पुलिस अधिकारियों को मामले को गंभीरता से लेने और आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। इसके बाद करीब सात बजे एडीजी वापस चले गए। चौहान बस्ती के लोगों का आरोप है कि करीब सात बजे आरोपी पक्ष के विजय प्रकाश यादव के परिजनों ने खुद अपनी मड़ई फूंक दिया और चौहान बस्ती के लोगों पर हमला करने तथा मड़ई फूंकने का आरोप लगाते हुए फर्जी मुकदमा दर्ज कराने का प्रयास किया। इस बात की जानकारी जब चौहान बस्ती के लोगों को हुई तो पूर्वाह्न करीब 10 बजे चौहान बस्ती की सैकड़ों महिलाओं ने यादव बस्ती पर धावा बोल दिया। महिलाओं ने यादव बस्ती की मंड़ई आदि पर लाठी पीटकर विरोध किया। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो वे पुलिस से भी भिड़ गई। मौके पर मौजूद थानाध्यक्ष व अन्य अधिकारियों ने मामले की जानकारी एसपी अजय साहनी को दी। इसके बाद एसपी और डीआईजी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और किसी तरह मामले को शांत कराया। स्थित पुलिस के नियंत्रण में है लेकिन गांव में तनाव साफ दिख रहा है। पुलिस भी घटना का कारण चुनावी रंजिश और कोटे का विवाद मान रही है।
Blogger Comment
Facebook Comment