आजमगढ: शराब ठेकों को हाइवे से दूर करने के निर्णय के बाद आवासीय क्षेत्रों में खुल रही देशी और अंग्रेजी शराब की दुकानें आम आदमी के लिए मुसीबत बन गई हैं। इसका विरोध भी शुरू हो गया है। मुबारकपुर थाना क्षेत्र के गुलउर गांव में आबादी के करीब स्थित ठेके से शराब पीकर लौट रहे शराबियों ने दो लड़कियों से पहले अश्लील इशारे किये फिर उन्हें पकड़ने की कोशिश की। लड़कियों ने भाग कर किसी तरह खुद को बचाया जब यह बात गांव की महिलाओं को पता चली तो उन्होंने शराब के ठेके पर धावा बोल दिया और जमकर तोड़फोड़ की। महिलाएं आबादी के करीब स्थापित दुकान को हमेशा के लिए बंद करने की मांग की। मांग पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। बता दें कि आदेश के बाद आजमगढ- गोरखपुर राष्ट्रीय राज मार्ग पर गुलउर बाजार में स्थित शराब की दुकान को दलित बस्ती के पास खोल दिया है। गुरूवार की पूर्वाह्न करीब 10 बजे दो शराबी शराब पीने के बाद नशे में धुत्त होकर लौट रहे थे। इसी दौरान बस्ती की दो लड़कियां शौच के लिए निकली थी। गलत नियत से दोनों शराबी पहले अश्लील इशारा किये फिर लड़कियों को अपने पास बुलाने लगे। दोनों लड़कियां डरकर चीखते हुए बस्ती की तरफ भागी। शराबियों ने उन्होंन दौड़ा लिया। उनकी चीख सुन बस्ती की सैकड़ों महिलाएं मौके पर पहुंच गई और महिलाओं को आता देख शराबी भाग खड़े हुए। वहीं आक्रोशित महिलाओं ने शराब की दुकान पर धावा बोल दिया। महिलाओं के आक्रोश को देख दुकानदार भी भाग निकला। इस दौरान महिलाओं ने निर्माणाधीन दुकान पर तोड़फोड के साथ ही उसे ध्वस्त कर दिया। महिलाओं को आरोप है कि जब यह दुकान यहां शिफट हो रही थी तभी से वे इसका विरोध कर रही थी लेकिन किसी ने नही सुना। मजबूर होकर हमें यह कदम उठाना पड़ा। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और दुकान दूसरी जगह शिफ्ट कराने का आश्वासन देकर मामला शांत कराया। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिले में करीब 173 शराब की दुकानो को हटा लिया गया है । ये शराब की दुकाने बाजारो से हटने के बाद रिहाइशी इलाको में चली गयी है। जिसका विरोध ग्रामीण कर रहे है। जिले में एक अप्रैल से ही नगर के गौरीशंकरघाट, चंडेश्वर, अहिरौला, अतरौलिया, कप्तानगंज, ठेकमा आदि स्थानो पर शराब की दुकानो का ग्रामीण पूरजोर विरोध हो रहा है।
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