श्री रामानन्द सरस्वती पुस्तकालय जोकहरा पर मनाया गया महिला अंतरराष्ट्रीय दिवस । आजमगढ़ : सगड़ी तहसील क्षेत्र के श्रीरामनन्द सरस्वती पुस्तकालय जोकहरा पर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सैकड़ों की संख्या में महिलाएं जुटी और महिला हिंसा कानून को प्रभावी और पारदर्शी बंनाने के लिए बैठक की। उन्होंने सरकार को दस सूत्री मांगों के समर्थन में मांग पत्रक तैयार किया जो नई सरकार को देकर महिलाओं को महिला हिंसा कानून को प्रभावी बनाने और अधिकार के लिए लड़ाई तेज करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमो के माध्यम से प्रत्येक महिलाओं को जागरूक करने का आवाहन किया गया। अंत में आपस में होली खेलकर एक दूसरे को अबीर गुलाल लगा कर महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार देने की बात कही गयी । गोष्टि को संबोधित करते हुए निदेशिका हिना देसाई ने कहा कि महिला हिंसा कानून पास हुए लगभग 12 साल बीत चुके पर अबतक प्रदेश सरकार ने ब्लाक और जिला स्तर के नोडल अधिकारियो की नियुक्ति तक नही की और ना ही महिला हिंसा को रोकने के लिए बजट ही पास किया।जबकि बार बार आधी आबादी को घरेलू हिंसा का शिकार होकर दर दर भटकना पड़ता है।जिसके लिए अब हम सब को संगठित होकर कार्य करना होगा और प्रत्येक गांव की महिलाओं को जागरूक करते हुए उनके अधिकारों के प्रति जगरूक किया जायेगा ।और पुराने मिथको को तोड़ना होगा की पियवा की गारी लागे तरकारी की कहावत को पीछे छोड़ना होगा। और पुरुषों के बराबर अधिकार देने होंगे।कानून पास होने केबाद भी सरकार नही चेत रही है।जबकि तीन दिन में शिकायतों को दर्ज कर 60 दिनों में निस्तारण कर देना है। पर अबतक न तो पुलिस ना ही अधिकारी ही शिकायतों को संज्ञान में ले रहे है।जबकि सरकारी आंकड़े के तहत ही हे प्रत्येक घंटे में तीसरी महिला हिंसा की शिकार होती है।जबाकी हिंसा की शिकार महिला को यौन शोषण,घरेलू हिंसा,आर्थिक मद्त,घर में रहने का अधिकार,दहेज हिंसा,शारीरिक हिंसा आदि तरह से पीड़ित महिला को कानून के तहत अधिकार पर्याप्त तो है। पर सरकार द्वारा ध्यान नही देने से प्रभावी नही हो पा रहे है। संचालन कुसुम राव ने की अन्य में लीला शर्मा, उषा गोंड, सुनीता, रीना, नसरीन, लक्ष्मीना, सुरैया, मिला, राधिका, रुकसाना, हसीना, आशमा, बिंदु, देवंता, गीता आदि ने अपने विचार रखे।
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