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डीएवी कॉलेज की छात्र राजनीति से शुरू कर आज मंत्री पद तक पहुचे दारा सिंह चौहान


आजमगढ़ : साधारण किसान परिवार में जन्मे दारा सिंह  चौहान ने छात्र राजनीति से चलकर मंत्री पद तक का सफर पूरा किया है। वह बचपन से ही जुझारू प्रवत्ति के थे। पिता रामकिशुन चौहान का असम में निजी कारोबार था। वहीं उनका जन्म हुआ और जूनियर हाईस्कूल तक की शिक्षा भी। 1955 से असम में रहे इनके पिता 1993 में पैतृक गांव गेलवारा, ब्लाक पल्हनी वापस आए और खेती-किसानी में लग गए। दारा सिंह  चौहान ने इंटर और स्नातक तक की शिक्षा यहीं स्थानीय डीएवी कॉलेज से की। इसके बाद तो डीएवी पीजी कॉलेज से छात्रसंघ के चुनाव से राजनीति की शुरुआत की। उन्हें यहां किसी पद पर जीत नहीं मिली लेकिन मन में राजनीति की धुन पक्की अवश्य हो गई। वह पहली बार विकास खंड पल्हनी के पल्हनी-छतवारा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य चुने गए। इसके बाद जिले में कांग्रेस पार्टी से राजनीति का सफरनामा शुरू हुआ। यहां कोई पद नहीं मिला तो उन्होंने मऊ को अपना कार्यक्षेत्र बनाया। पहली बार बहुजन समाज पार्टी से साढ़े तीन साल राज्य सभा सदस्य रहे। इसके बाद बसपा छोड़ सपा का दामन थामा तो यहां भी इन्हें राज्यसभा में भेजा गया। 2009 में घोसी सीट से बसपा के टिकट पर सांसद रहे और संसदीय दल के नेता चुने गए। 2014 में घोसी सीट से ही बसपा से चुनाव लड़े लेकिन भाजपा के हरिनरायन राजभर से हार गए। इसके बाद उन्होंने एक बार पुन: पाला बदला और 2015 में भाजपा का दामन थाम लिया। शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें भारतीय जनता पार्टी में पिछड़ा वर्ग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। पिछले दिनों विधानसभा चुनाव में वह भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए और अब नई योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। 

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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